इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने के बाद यहां पर बसे हिंदू मंदिरों को भारतीयों के लिए खोलने का मन बनाया है। इमरान ने इस बात का इशारा उस समय किया जब वह गुरुवार को अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कुछ भारतीय जर्नलिस्ट्स से रूबरू थे। इमरान ने कहा है कि वह कुछ और प्रपोजल्स के बारे में बड़ा फैसला ले सकते हैं। इससे पहले इमरान ने कहा कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करना चाहते हैं। इमरान की मानें तो अब लोगों की सोच में बदलाव आया है और पाकिस्तान की आवाम भारत के साथ बेहतर रिश्ते और शांति चाहती है।
इमरान ने भारतीय मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हम दूसरे प्रपोजल्स पर भी विचार कर सकते हैं जैसे कश्मीर में शारदा पीठ, कटासराज मंदिर और पाकिस्तान में कुछ और हिंदू मंदिरों पर भी विचार किया जा सकता है।’ शारदा पीठ जहां नीलम नदी के किनारे स्थित है और कश्मीरी पंडितों के लिए एक अहम मंदिर है तो वहीं कटासराज मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। कटासराज मंदिर पाकिस्तान के पंजाब में स्थित है और इसके आसपास कुछ और मंदिर मौजूद है। 29 जुलाई को पाकिस्तान में चुनाव हुए थे और इन चुनावों में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसके साथ ही 22 वर्षों से पाकिस्तान की राजनीति में सक्रिय इमरान देश के वजीर-ए-आजम बने थे। गुरुवार को इमरान की सरकार ने पाक की सत्ता में 100 दिन पूरे कर लिए हैं।
Great initiative of offering peace through these channels. PM @narendramodi ji should consider the offer by PakPM @ImranKhanPTI for opening of SharadaPeeth in Kashmir, Katasraj & other shrines too this will certainly bridge the gap & usher peace in regionhttps://t.co/QepazetX1m
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 29, 2018
इमरान खान के इस बयान का जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इमरान के इस ऑफर पर विचार करना चाहिए। महबूबा ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘इन रास्तों के जरिए शांति की एक महान पहल की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान के पीएम की ओर से की गई शारदा पीठ और कटासराज के अलावा कुछ और मंदिरों को खोले जाने की इस पेशकश को स्वीकार कर लेना चाहिए।’ महबूबा की मानें तो इमरान की यह पहल दूरियों को कम करेगी और इस क्षेत्र में शांति लेकर आएगी।
इमरान ने कहा है कि वह भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात की ख्वाहिश भी जाहिर की है। इमरान ने पहली बार आतंकवाद पर भी बात की है जिसकी वजह से पड़ोसी मुल्क के साथ शांति वार्ता खटाई में पड़ी हुई है। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं का प्रयोग आतंकवाद के लिए करने की मंजूरी नहीं देनी चाहिए। इमरान की मानें तो यह पाक के हित में नहीं है। इसके साथ ही इमरान ने यह भी कहा कि यहां पर दूसरे मुल्कों के खिलाफ आतंकी साजिश को भी अंजाम नहीं दिया जाना चाहिए। इमरान की मानें तो अब पाकिस्तान की आवाम भारत के साथ शांति चाहती है।