नई दिल्ली – आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी कमेटी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों को गद्दार कहते हुए उन्हें इस्लाम और नबी विरोधी बताया है।
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद की वार्षिक प्रबंधन कमेटी की बैठक के समापन समारोह में इंद्रेश कुमार ने कहा कि गद्दारों की लिए देश में कोई जगह नहीं है और उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए।
अगर पाकिस्तान उन्हें लेने से मना करे तो सुरक्षा एजेंसियां उन्हें गोली मार दें या तय करे कि उनके साथ कैसा बर्ताव करना है। कुमार ने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। इससे देश में रहने वाले मुसलमानों का मान-सम्मान भी बढ़ेगा।
आरएसएस नेता ने कहा कि गांधी जी की तरह उन्हें भी कश्मीर से रोशनी की किरण नजर आती है और जम्मू कश्मीर से ही गद्दार घोषित करने के कानून की शुरुआत होनी चाहिए, ताकि विदेशी षड्यंत्रों से देश की एकता और अखंडता की सुरक्षा की जा सके।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और भाजपा गठबंधन सरकार को अपवित्र गठबंधन से पवित्र गठबंधन बनकर दिखाना होगा।
अभी तक मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद मजबूरियों में फंसे दिख रहे हैं। कभी मसर्रत आलम तो कभी अफजल गुरु की बात की जाती है। ऐसी बातें न हों तो ही बेहतर है।
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि रियासत जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय भेदभाव को लेकर होने वाली राजनीति खतरनाक है। जम्मू में एम्स मिले तो कश्मीर में भी चाहिए।
कश्मीर में केंद्रीय विश्वविद्यालय मिले तो जम्मू में भी चाहिए। केंद्रीय जो भी संस्थान रियासत को मिलता है, वह पूरी रियासत के लिए होता है न की किसी क्षेत्र विशेष के लिए।
इसे समझना होगा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग नहीं एकजुट रहना होगा। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद की प्रबंधन कमेटी में नेता जी सुभाष चंद्र बोस की गुप्तचरी किए जाने की घोर निंदा की गई है।
इस दौरान मौजूद मुख्य अतिथि शिक्षा एवं सूचना राज्य मंत्री प्रिया सेठी ने कहा कि रियासती सरकार प्रयत्न करेगी कि कैंटीन आइटमों को वैट मुक्त कर पूर्व सैनिकों और मौजूदा सैनिकों को राहत दी जाए।