नई दिल्ली: भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज पुण्यतिथि है, इस मौके पर बीजेपी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है, इस मौके पर बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है, जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत मामले में जांच के आदेश नहीं देने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि पूरा देश डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच की मांग कर रहा था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जांच पड़ताल का आदेश नहीं दिया था, इतिहास इसका गवाह है. लेकिन डॉ. मुखर्जी का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।
BJP Working President JP Nadda: The whole country demanded an inquiry into Dr. #ShyamaPrasadMukherjee‘s death, but Pandit Nehru did not order an inquiry. History is witness to this. Dr.Mukherjee’s sacrifice will never go in vain, BJP is committed to this cause pic.twitter.com/fKh107sepf
— ANI (@ANI) June 23, 2019
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को आज उनकी पुण्यतिथि पर बीजेपी मुख्यालय में श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी एक शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। 6 जुलाई 1901 को कोलकाता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी का जन्म हुआ था, उनके पिता आशुतोष मुखर्जी भी शिक्षाविद् थे। डॉ॰ मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक और 1921 में बीए की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने के पश्चात् वे विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे थे, 33 वर्ष की कम उम्र में वे कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति बने थे।
Remembering Dr. Syama Prasad Mookerjee on his Balidan Divas. A devout patriot and proud nationalist, Dr. Mookerjee devoted his life for India’s unity and integrity. His passion for a strong and united India continues to inspire us and gives us strength to serve 130 crore Indians.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 23, 2019
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने बहुत से गैर कांग्रेसी हिन्दुओं की मदद से कृषक प्रजा पार्टी से मिलकर प्रगतिशील गठबन्धन का निर्माण किया था, इसी समय वे सावरकर के राष्ट्रवाद के प्रति आकर्षित हुए और हिन्दू महासभा में सम्मिलित हुए थे, मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं इसलिए धर्म के आधार पर वे विभाजन के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने नेहरू जी और गांधी जी की तुष्टिकरण की नीति का खुलकर विरोध किया। अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में एक गैर-कांग्रेसी मंत्री के रूप में उन्होंने वित्त मंत्रालय का काम संभाला। उन्होंने चितरंजन में रेल इंजन का कारखाना, विशाखापट्टनम में जहाज बनाने का कारखाना एवं बिहार में खाद का कारखाने स्थापित करवाए।
Delhi: Union Home Minister Amit Shah, BJP Working President JP Nadda and other leaders of the party pay tribute to Dr Shyama Prasad Mukherjee on his death anniversary today, at BJP Headquarters. pic.twitter.com/w2lKn1fZN2
— ANI (@ANI) June 23, 2019
डॉ. मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था।मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था और उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी और अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी।