बेंगलुरु : कर्नाटक के बेलागावी में गुरुवार (25 जनवरी) की रात प्रकाश थिएटर के बाहर उपद्रवियों ने पेट्रोल बम फोड़ दिया। इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन सिनेमाहॉल के भीतर फिल्म देख रहे लोगों में दहशत फैल गई।
पेट्रोल बम धमाके की आवाज सुनकर लोग फौरन बाहर की तरफ भागे तो देखा आग की लपटें उठ रही थीं और भारी भीड़ अफरा-तफरी के बीच उसे देख रही थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ जांच कर रही है और फिलहाल इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि फिल्म पद्मावत के विरोध स्वरूप उपद्रवियों ने इस हमले को अंजाम दिया। घटना के वक्त रात के साढ़े नौ बज रहे थे।
सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक बाइक सवार बगमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस इंसपेक्टर आईएच सातेनाहल्ली ने बताया कि पुलिस इसे फिल्म पद्मावत के विरोध स्वरूप देख रही है। उन्होंने कहा- ”बाइक सवार कुछ उपद्रवी पेट्रोल वाला बोतल बम और पटाखे लेकर आए और धमाका किया, इसकी भयंकर आवाज की वजह से लोग खौफजदा हो गए। दर्शकों में से किसी के घायल होने की बात सामने नहीं आई है। फिल्म को कुछ समय के बाद के फिर से शुरू किया गया।”
बता दें कि संजय लीला भंसाली की फिल्म को लेकर कई राजपूत संगठन इसकी रिलीज के पहले से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें राजस्थान की करणी सेना मुख्य है। करणी सेना और इसकी शाखाओं पर हिंसक प्रदर्शन करने के आरोप लग रहे हैं। फिल्म पद्मावत हिंसक हो चले भारी विरोध प्रदर्शन के बीत गुरुवार (25 जनवरी) को रिलीज हुई। इस दौरान के देश के कई इलाकों से तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं।
चार राज्यों राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में फिल्म को लेकर बैन लगाया गया था, लेकिन कुछ संसोधनों और नाम बदलने के बाद सेंसर से फिल्म को हरी झंडी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के बैन को हटा दिया था। करणी सेना ने संजय लीला भंसाली पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके फिल्म बनाई। वहीं संजय लीला भंसाली ने आश्वस्त किया था कि फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जिससे राजपूत समाज का अपमान होता हो।
फिल्म को लेकर मचे बवाल से दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई इलाकों में सिनेमाघर मालिक डरे हुए हैं। मुंबई में तो करणी सेना के एक कार्यकर्ता ने विरोध प्रदर्शन के चलते अपने ही एक साथी की कार को आग के हवाले कर दिया था। फिल्म को लेकर समाचार चैनलों पर चलने वाली बहसों की वजह से कई एंकरों को भी निशाना बनाया गया।