पटियाला- अमृतसर में महिलाओं के माथे पर जबरन जेबकतरी लिखवाने के मामले में सीबीआई पंजाब की अदालत के स्पेशल ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट बलजिंदर सिंह की अदालत ने अमृतसर के रिटायर्ड एसपी सुखदेव सिंह छीना और गुरदासपुर के नरिंदर सिंह मल्ली रिटायर्ड एसआई को 3-3 साल की सजा सुनाई है और 5-5 हजार जुर्माना किया है। एएसआई कंवलजीत सिंह को एक साल सजा सुनाई है।
इनके खिलाफ 4 महिलाआें परमेश्वरी देवी, सुरजीत कौर, महेंदर कौर और गुरदेव कौर ने हाईकोर्ट में एक रिट पटीशन 1994 में दायर की थी। उन्होंने बताया था, 8 दिसंबर 1993 को एएसआई कंवलजीत ने उनको बस स्टैंड अमृतसर में रोका। वे दरबार साहिब माथा टेकने जा रही थीं। उनको एसपी के दफ्तर ले गया फिर 8 दिसंबर से 15 दिसंबर 1993 तक अमृतसर के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में नाजायज हिरासत में रखा। उनके माथे पर एसपी छीना के आदेश पर जेबकतरी लिखवाया गया।
पुलिस ने एक विदेशी महिला की शिकायत पर दिसंबर 1993 में औरतों के खिलाफ एक मामला थाना कोतवाली अमृतसर दर्ज किया था। इस कारण पुलिस ने शक के आधार पर उक्त औरतों को हिरासत में लिया था। हाईकोर्ट ने इन मुलाजिमों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।
यह घटना तब सामने आई थी जब जेब कतरी के मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने उनके माथे को दुपट्टे ढंककर उन्हें आदलत में पेश किया। एक महिला ने अपने माथे पर गुदे शब्दों को अदालत को दिखा दिया और मामला सुखिर्यों में आ गया।
राष्ट्रीय मनावाधिकार आयोग ने भी घटना का गंभीर संज्ञान लिया था। पीड़िताओं ने वर्ष 1994 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर प्रतिवादियों, पंजाब सरकार, अमृतसर पुलिस अधीक्षक और अन्य को गुदे हुए शब्दों को हटाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी कराने का प्रबंध करने, अमानवीय कृत्य और अपमान के लिए मुआवजा देने तथा दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई के लिए निर्देश देने की मांग की थी।