नई दिल्ली- तमिलनाडु में बगावत पर उतारू सत्ताधारी AIADMK के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरलेवम ने 50 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी महासचिव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की अस्पताल में हुई मौत पर सवाल उठाया और कहा कि वह इसकी जांच के लिए की आयोग बिठाने की सिफारिश करेंगे।
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वहीं AIADMK में टूट के पन्नीरसेल्वम के इस दावे के बाद पार्टी की महासचिव शशिकला ने विधायकों की बैठक बुलाई हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के लिए पार्टी मुख्यालय में 130 विधायक मौजूद हैं।
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अम्मा की मौत की जांच के लिए आयोग
इससे पहले पन्नीरसेल्वम ने आज अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हाल के दिनों अम्मा की बीमारी को लेकर उठाए जा रहे सवालों की जांच कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी हैं। इस मामले में जांच आयोग की सिफारिश करेंगे। ‘
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उन्होंने कहा कि अम्मा करीब 16 वर्षों तक राज्य की मुख्यमंत्री रहीं, मैं भी अम्मा की इच्छा पर दो बार राज्य का मुख्यमंत्री बना और हमेशा अम्मा के पदचिह्नों पर चला। मैं लोगों के सामने अपना पक्ष रखने के लिए तमिलनाडु के हर शहर जाकर लोगों से मिलूंगा। ‘
गौरतलब हो कि पन्नीरसेल्वम ने आरोप लगाया था कि जब जयललिता की हालत बहुत खराब थी तब उन्हें अम्मा से मिलने नहीं दिया गया। इसके अलावा ये भी आरोप लगाया कि उन्हें कोषाध्यक्ष पद से जबरन हटाया गया। मैं विधानसभा में बहुमत साबित करूंगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद ओ. पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ बगावती तेवर तीखे कर दिए हैं। पन्नीरसेल्वम का कहना है कि शशिकला की मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा से अन्नाद्रमुक की नींव ढहने लगी है।
अन्नाद्रमुक के कोषाध्यक्ष और प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्तगी के बाद पन्नीरसेल्वम ने शशिकला को सीधे तौर पर निशाना बनाया। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मैंने जयललिता की विश्वासपूर्वक सेवा की. मैं उनका बेहद करीबी रहा, इसीलिए उन्होंने मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी थी। उनके निधन के बाद अब सब कुछ बदल गया है।
मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे से पहले करीब दो घंटे तक शशिकला से बातचीत की थी। इसके बाद मुझे एक पेपर पर दस्तखत करने के लिए मजबूर किया गया। मैंने अपना काम ईमानदारी और साफगोई से किया।
मुझे समझ में नहीं आ रहा कि शशिकला मुख्यमंत्री बनने के लिए इतनी उतावली क्यों हैं? वह तमिलनाडु के सियासी हालात बिल्कुल नहीं समझती। जब आप सत्ता के लिए उतावले होते हैं तो फिर ऐसे खतरनाक हालात उपजना स्वाभाविक है।
जब मैं मुख्यमंत्री था तो मैंने कोशिश की थी कि पार्टी और सरकार पर कोई आरोप ना लगे। यहां तक कि इसके लिए मैंने अपनी इच्छाओं की भी कुर्बानी दे दी। जब उन्होंने मुझे इस्तीफा देने को कहा, मैंने हामी भर दी। मैंने बस इतनी ही गुजारिश की इस्तीफे से पहले मुझे अम्मा (जयललिता) का आशीर्वाद लेने दें, लेकिन उन्होंने मुझे ऐसा नहीं करने दिया। उन्होंने (शशिकला) कहा कि आप वहां (अम्मा के समाधि स्थल) नहीं जा सकते हैं। [एजेंसी]