डिंडौरी : जिला मुख्यालय में चल रहे आधा दर्जन पैरा मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम शासन की गाइड लाइन के हिसाब से नहीं चल रहे है आर टी आई कार्यकर्ता ने जानकारी निकाल कर जिला प्रशासन को शिकायत की। जाँच के बाद जिला प्रशासन ने राज्य शासन को छः पैरा मेडिकल कालेज की जानकारी दी है की इन कालेजो को भविष्य में मान्यता न दी जाए।
आदिवासी जिला डिंडौरी में मेडिकल शिक्षा के नाम पर भोले भाले बेरोजगार युवक युवतियों को कई वर्षो से शिक्षा के ठेकेदार ठग जा रहे है। जो कही भी दो कमरे का किराए का मकान लेकर पैरा मेडिकल कालेज व नर्सिंग कालेज शुरू कर देते है। इन शिक्षा के ठेकेदारो की पहुच भोपालतक हैं। अधिकारियो की मदद से इन्हें कालेज खोलने की अनुमति भी बड़ी जल्द मिल जाती है। जब आर टी आई कार्यकर्ता सतीश श्रीवात्री ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो पता चला की ये कालेज तो शासन की गाइड लाइन का पालन ही नहीं कर रहे। इतना ही नहीं आदिवासी युवक युवतियों की स्कॉलरशिप का पैसा भी डकार रहे है।
आर टी आई कार्यकर्ता ने जिला प्रशासन से इस बावत शिकायत की जिला प्रशासन ने मामले को गम्भीरता से लेते हुये एस डी एम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो की जाँच टीम बनाकर जाँच करवाई जिसमे खुलासा हुआ की अपनी पहुच का इस्तेमाल कर कैसे इन शिक्षा के ठेकेदारो ने कालेज खोलने का खेल खेला है टीम की जाँच रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को जानकारी भेजी कि नर्मदा इंस्टिट्यूट आफ पैरा मेडिकल कालेज,रियर इंस्टिट्यूट आफ पैरा मेडिकल कालेज,भारत इंस्टिट्यूट आफ नर्सिंग कालेज,विवेकानंद पैरा मेडिकल कालेज ,अनन्या स्कूल ऑफ नर्सिंग कालेज,प्राप्ति पैरा मेडिकल कालेज को भविष्य में मान्यता न दी जाय।