पटना – बिहार में सरकार गठन का दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार शाम सात बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने अपने समर्थक 130 विधायकों का राष्ट्रपति के समक्ष परेड कराने का दावा किया है। इससे पहले मंगलवार देर शाम विधायकों के साथ नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे।
इधर, बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस्तीफा देने व बर्खास्त किए जाने के बाद खाली 22 मंत्रियों के पदों का प्रभार अपने गुट के आठ मंत्रियों को सौंप दिया है। हालांकि अगले कदम को लेकर मांझी व उनके मंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। नीतीश ने कहा कि सरकार गठन में देरी पर वह मुख्य विपक्ष में बैठेंगे।
सोमवार को राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर नीतीश कुमार ने अपने समर्थन में 130 विधायक होने का दावा किया था और राज्यपाल से सरकार बनाने का आमंत्रण मांगा था। लेकिन मांझी के भी ताल ठोंकने से राज्यपाल फैसले पर थोड़ा समय ले रहे हैं।
इस बीच, नीतीश कुमार जदयू, राजद, कांग्रेस, वाम व एक निर्दलीय विधायक को लेकर दिल्ली पहुंचे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात का समय मांगा था, जिसे स्वीकार करते हुए बुधवार शाम सात बजे का वक्त दिया गया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सभी विधायकों के साथ हम लोग बुधवार को राष्ट्रपति से मिलेंगे।
इससे पहले मंगलवार को पटना में प्रेसवार्ता में नीतीश कुमार ने बताया कि उनके समर्थक विधायक शाम पांच बजे व सात बजे, दो विमानों से दिल्ली रवाना हुए। अगर राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया तो दिल्ली में परेड का कार्यक्रम रद्द कर दिया जाएगा। वह प्रदेश में राष्ट्रपति शासन या किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। मांझी को मुख्यमंत्री बनाने पर अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि अब तो मांझी ने भी कह दिया है कि उन्हें सीएम बनाते समय मेरी मति मारी गई थी।
राष्ट्रपति के सामने परेड के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले मंगलवार को पटना में नीतीश खेमे के विधायकों ने डिनर पर एकजुटता दिखाई। बिहार विधान परिषद के उप सभापति सलीम परवेज द्वारा पूर्व मंत्री गौतम सिंह के छज्जू बाग स्थित घर पर दिए गए इस डिनर में मांझी खेमे की रणनीतियों से निपटने पर चर्चा हुई। इसमें नीतीश कुमार सहित कई बड़े नेता शामिल थे।
अगर अनावश्यक देरी की गई तो हम सदन में मुख्य विपक्ष का दावा करेंगे। भाजपा पहले सत्ता से बेदखल हुई है, अब उसे विपक्ष से भी बेदखल करेंगे।’ – नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सूबे में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मंगलवार को अपने कैबिनेट के आठ मंत्रियों को अन्य विभागों का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया। बर्खास्तगी और त्यागपत्र के कारण मांझी मंत्रिमंडल में 22 मंत्री कम हो गए हैं। खुद मुख्यमंत्री मांझी ने अपने पास नौ विभाग रखे हैं। मंत्रिमंडल विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खेमे के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि करीब 75 विधायक ही दिल्ली गए हैं। इन पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इन्हें किसी दूसरे राज्य में रखा जाएगा, ताकि ये कहीं मांझी के पक्ष में कोई फैसला ने ले लें।