नई दिल्ली – मानसून सत्र समाप्त होने से दो दिन पहले कांग्रेस लोकसभा में ललित मोदी विवाद पर चर्चा के लिए तैयारी हो गई है। कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों ने पखवाड़े भर से संसद में कामकाज ठप कर रखा था।
कांग्रेस पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने के आरोपों से घिरी विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई थी, जबकि केंद्र मुद्दे पर चर्चा कराना चाह रहा था। हालांकि बुधवार को कांग्रेस ने अपने रुख में नर्मी दिखाई और चर्चा के लिए तैयार हो गई। कांग्रेस के निर्णय से केंद्र सरकार ने भी राहत की सांस ली है।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का स्थगन प्रस्ताव स्वीकार किया और ललित मोदी के मुद्दे पर चर्चा के लिए ढाई घंटे का वक्त मुकर्रर किया।
चर्चा की शुरुआत करते हुए खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चर्चा में शामिल होना जरूरी है, इसलिए उन्हें भी सदन में रहना चाहिए। देश ललित मोदी विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय जानना चाहता है। खड़गे ने कहा,’ आज हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री आकर हमारी बात सुनें, तभी हमें संतोष होगा।’
खड़गे ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 460 करोड़ का घोटाला कर भागने वालों की मदद की। उन्हें मानवीय आधार पर मदद करना ही था तो कानून के तहत मदद की जा सकती थी।
खड़गे ने कहा कि विदेश मंत्री ने मदद की भी तो किसी को बताया क्यों नहीं? न उन्होंने वित्त मंत्रालय से बात की और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को बताया।
खड़गे ने कहा कि सुषमा स्वराज ने ललित मोदी की मदद इसलिए की कि उन्हे अपनी पत्नी का ईलाज कराना था। लेकिन उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के लिए जो आवेदन दिया था, उसमें पत्नी का ईलाज तीसरे नंबर पर दिया था।
खड़गे ने कहा कि ललित मोदी यात्रा दस्तावेज पाने के बाद केवल पुर्तगाल ही नहीं गए, वह वियना भी गया और कई दूसरे मुल्कों में गए। खड़गे ने सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सात सवाल पूछे और कहा कि इन सवालो का जवाब प्रधानमंत्री को ही देना चाहिए।
उन्होंने पूछा ललित मोदी पर ब्रिटेन में जो पत्राचार हुए, उस जारी क्यों नहीं किया जा रहा है। खड़गे ने दूसरा सवाल पूछा कि यदि विदेश मंत्री की मंशा मानवीय आधार पर मदद करने की थी, उन्होंने ललित मोदी को लंदन में भारतीय उच्चायुक्त के पास आवेदन करने की सलाह क्यों नहीं दी?
खड़गे ने पूछा कि ललित मोदी भारत के दस्तावेजों के बजाय ब्रिटेन के दस्तावेजों पर पुर्तगाल कैसे गए। उन्होंने अगला सवाल किया विदेश मंत्री ने ललित मोदी से ये क्यों नहीं कहा कि वे भारत लौटें उसके बाद ही दस्तावेज मिलेंगे।
खड़गे ने अगला सवाल पूछा कि ललित मोदी के दस्तावेजों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई या नहीं? उन्होंने पूछा कि ललित मोदी को नए दस्तावेज दिलाने का निर्णय किसका है।
ललित मोदी विवाद में सुषमा स्वराज की भूमिका पर सवाल उठाने के बाद खड़गे ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और ललित मोदी के रिश्तों पर भी सवाल उठाया। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें वसुंधरा का नाम लेने से रोक दिया, जिसके बाद कांग्रेस ने विरोध किया। वसुंधरा के मुदद्दे पर आपत्ति के बाद पक्ष और विपक्ष के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया।
इसी बीच बीजेपी के अलीगढ़ के सांसद दुष्यंत गौतम ने सोनिया गांधी की बहन को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद सदन में हंगामा और बढ़ गया। विरोध में सोनिया भी बेल में आकर नारे लगाने लगीं और कांग्रेस ने माफी की मांग की। हंगामे का कारण लोकसभा अध्यक्ष ने सदन स्थगित कर दिया।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता सदन मल्लिकार्जुन खड़गे ने ललित मोदी विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सात सवाल पूछे। हालांकि सदन शुरु होने के बाद विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने उन सवालों का जवाब दिया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जवाब देने के लिए जब सुषमा स्वराज का नाम पुकारा तो कांग्रेस ने विरोध शुरु कर दिया। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी सफाई में एक बार फिर दोहराया कि उन्होंने ललित मोदी की मदद कर कोई अपराध नहीं किया।
सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार से पूछा जा रहा है कि हम ललित मोदी मामले में हुए पत्राचारों को सार्वजनिक क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम ने ललित मोदी मामले में जितने भी पत्र लिखे, बिना विदेश मंत्री को संज्ञान में लिए लिखे।
सुषमा स्वराज ने कहा कि कांग्रेस पूछ रही है कि ललित मोदी मामले में दोबारा अपील क्यों नहीं दाखिल की गई, जबकि सच्चाई यह है कि ललित मोदी के मामले में चार साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसकी वजह से कोर्ट ने ललित मोादी का पासपोर्ट वापस कर दिया।
सुषमा स्वराज ने कहा कि ललित मोदी मामले में कांग्रेस ने चार साल तक कोई कार्रवाई नहीं की, अरुण जेटली ने वित्तमंत्री पद संभालने के बाद मामले में दोबारा कार्रवाई शुरु की।
सुषमा स्वराज ने कहाकि कांग्रेस जिन सवालों को जवाब मांग रही है, उसकी गुनाहगार खुद है। ईडी ने चार साल तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। मामले में कांग्रेस का नेतृत्व खुद फंसा था, कांग्रेस का एक खेमा चाहता था कि कार्रवाई हो, जबकि दूसरा खेमा चाहता था कि कार्रवाई न हो।