मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला मुख्यालय से महज तीन किमी बसा है जाटखेड़ा गांव का पार्वती माता मंदिर। देवी मां का यह मंदिर इसलिए अनोखा है कि यहां महिलाआें, युवतियाें व किशोरियों को मंदिर की सभी सीढ़ियां चढ़ने की अनुमति नहीं है।
यहां पार्वती माता को लाल रंग की चुनरी भी नहीं चढ़ा सकते।यहां श्रृंगार में सफेद या पीली चुनरी और इसी रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं। केवल पुरुष भक्त ही मंदिर के अंदर तक जा सकते हैं और मूर्ति के चरण स्पर्श कर सकते हैं। महिलाएं दूर से ही माता के दर्शन कर लौट आती हैं। जाटखेड़ा का पार्वती माता मंदिर करीब 300 साल पुराना है।
मंदिर में कुल 20 सीढ़ियां हैं। 17 सीढ़ियों तक तो महिलाओं को जाने की अनुमति है। जैसे ही 18 वीं सीढ़ी शुरू होती है वहीं लाल अक्षरों में यह चेतावनी लिखी हुई है कि यहां से आगे महिला व युवतियां नहीं जाएं। इन तीन सीढ़ियों के बाद करीब 20 बाई 20 फीट चौड़े चबूतरे पर पार्वती माता की सदियों पुरानी मूर्तियां हैं।
महिला व युवतियों को इस चबूतरे से करीब 11 फीट दूर रहने की हिदायत है। जाटखेड़ा सहित आस-पास के गांव की महिला व बालिकाएं इस बात को अच्छी तरह जानती हैं इसलिए वे 17 सीढ़ियां भी नहीं चढ़तीं। मंदिर के नीचे जहां प्रवेश द्वार है वहीं अगरबत्ती, दीपक लगाकर धाैक दे आती हैं।जनश्रृति है कि यदि महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया तो मां क्रोधित हो जाती हैं।
Parvati Mata Temple Sheopur