नई दिल्ली : रेलवे को एक यात्री ने जम्मू और दिल्ली के बीच ट्रेन किराए पर सरकार द्वारा वहन की जाने वाली सब्सिडी को त्यागते हुए 950 रुपये का चेक भेजकर उलझन में डाल दिया है। फिलहाल, रेलवे सभी रेल किराए का 43 फीसदी खर्च वहन करती है। यात्री किराए पर सब्सिडी देने से रेलवे को हर साल तकरीबन 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है। रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘इस तरह का चेक स्वीकार करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिये हम इसे लौटाएंगे।’
किराए पर सब्सिडी के बोझ के बारे में यात्रियों को जागरूक बनाने के लिये रेलवे ने पिछले साल 22 जून से कंप्यूटरीकृत टिकटों पर यह प्रकाशित करना शुरू कर दिया था कि भारतीय रेलवे यात्रा पर आने वाली लागत का सिर्फ 57 फीसदी वसूल करती है। हाल में, जम्मू से नई दिल्ली की यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने अपने टिकट पर रेलवे द्वारा वहन की जाने वाली 43 फीसदी सब्सिडी से संबंधित संदेश पढ़ा। उसने तब सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया और आईआरसीटीसी को जम्मू राजधानी में उसने और अपनी पत्नी द्वारा की गई इसी तरह की ट्रेन यात्रा के लिये 950 रुपये का चेक भेज दिया।
उसने चेक के साथ रेल मंत्री के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उसने कहा कि वह भविष्य में इस तरह का वित्तीय लाभ कभी नहीं लेगा। रेलवे ने पहले ही वरिष्ठ नागरिकों को टिकट खरीदने के दौरान इस तरह की रियायत छोड़ने का विकल्प दिया था। उन्होंने कहा, ‘लेकिन वरिष्ठ नागरिकों का छूट को छोड़ना फिलहाल स्वैच्छिक है और हम इसे व्यापक बनाने की योजना बना रहे हैं जिसके दायरे में अन्य श्रेणियों को भी रखा जाएगा।’