अगर आप अपना पासपोर्ट बनवाना चाहते है लेकिन इसे बनवाने के लिए आपके पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो चिंता मत किजीए क्योंकि अब पासपोर्ट बनवाने के लिए आपको जन्म प्रमाणपत्र नहीं देना होगा। इस हफ्ते लोकसभा की कार्रवाई के दौरान सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि आधार और पैन कार्ट के जरिए ही आप अपने कागजों में अपना जन्म का प्रूफ दे सकेंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार 1980 में लागू किए गए पासपोर्ट नियमों के अनुसार 26/01/1989 में और इसके बाद जन्म व्यक्ति को पासपोर्ट के लिए जन्म प्रमाणपत्र देना जरूरी होता था।
वहीं अब अगर कोई व्यक्ति पासपोर्ट बनवाना चाहता है तो वह जन्म प्रमाणपत्र की जगह, ट्रांसफर, स्कूल लीवींग सर्टिफिकेट या फिर दसवीं का सर्टिफिकेट जमा करवा सकता है। इन सभी दस्तावेजों में आपकी जन्मतिथी होना अनिवार्य है, तभी आपके इन कागजों को जन्म प्रमाणपत्र की जगह पर जमा किया जाएगा। इनके अलावा आप पैन कार्ड, आधार कार्ड या ई-आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र या फिर एलआईसी पॉलिसी बांड भी जाम करा सकते है। वहीं सरकारी कर्मचारियों को इसमें छूट दी गई है कि वे अपना सर्विस रिकॉर्ड, पेंशन रिकॉर्ड अथवा जमा करा सकते है।
लोकसभा में यह बदलाव किए जाने के प्रश्न पर वीके सिंह ने कहा इसके पीछे का उद्देश्य यह कि देश में ज्यादा से लोग आसानी से पासपोर्ट बनवा सकें। इस बदलाव से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार (23 जून) को पासपोर्ट शुल्क में कमी का ऐलान किया था। सुषमा ने बताया था कि पासपोर्ट शुल्क बनवाने के लिए अब 10 प्रतीशत कम पैसे देने होंगे, लेकिन यह फायदा केवल आठ साल से कम और 60 साल से ज्यादा के लोगों को ही मिलेगा। बाकी लोगों को पहले जैसा चार्ज देना होगा। इसके साथ ही सुषमा ने बताया था कि पासपोर्ट अब हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में हुआ करेंगे। इसके अलावा पासपोर्ट बनवाने के लिए कुछ पुराने नियमों को खत्म भी कर दिया गया था।