विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार (23 जून) को पासपोर्ट शुल्क में कमी का ऐलान किया। सुषमा ने बताया कि पासपोर्ट शुल्क बनवाने के लिए अब 10 प्रतिशत कम पैसे देने होंगे। लेकिन यह फायदा सबके लिए नहीं है। आठ साल से कम और 60 साल से ज्यादा के लोग ही इसका फायदा उठा सकेंगे। बाकी लोगों को पहले जैसा चार्ज देना होगा।
इसके साथ ही सुषमा ने बताया कि पासपोर्ट हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषा में हुआ करेंगे। इसके साथ ही सुषमा ने एक स्टैंप को भी लॉन्च किया। यह स्टैंप पासपोर्ट एक्ट के 50 साल पूरे होने पर लॉन्च की गई।
इसके अलावा कुछ पुराने नियमों को खत्म भी किया गया है। नए नियम पासपोर्ट रूल, 1980 की जगह। उन नियमों में लिखा था कि अगर 26 जनवरी को या उसके बाद पैदा हुए शख्स को अगर पासपोर्ट बनवाना है तो फिर उसको बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना होगा। नए नियमों से कागजी कार्यवाही भी कम हो जाएगी।
अब साधु या सन्यासी अपने माता-पिता की जगह अपने गुरु का नाम लिख सकता है। पहले यह व्यवस्था नहीं थी। साथ ही तलाक ले चुके लोगों को अपनी पत्नी-पति का नाम लिखना जरूरी नहीं होगा।