नई दिल्ली: अगर आप पेटीएम इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए ये बुरी खबर है। अब पेटीएम इस्तेमाल करना महंगा हो गया है। अभी तक पेटीएम इस्तेमाल करने वालों को एमडीआर चार्ज नहीं देना होते थे, लेकिन अब कंपनी ये चार्ज ग्राहकों से वसूलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार क्रेडिट कार्ड्स के जरिए पेमेंट करने पर एक फीसदी, डेबिट कार्ड्स के जरिए 0.9 फीसदी और नेट बैंकिंग और यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिए ट्रांजेक्शन पर 12 से 15 रुपये तक का चार्ज लगेगा। अभी तक यह चार्ज कंपनी खुद पे कर रही थी। लेकिन अब पेटीएम प्लेटफॉर्म पर होने वाले हर पेमेंट्स के लिए अतिरिक्त चार्ज लिया जाएगा। इसमें पेटीएम वॉलेट टॉप अप से लेकर यूटिलिटी बिल या स्कूल फीस पेमेंट और पिक्चर के टिकट की खरीदारी तक शामिल है।
जानकारी के अनुसार पेटीएम ने अब कंज्यूमर्स पर ये चार्ज डालकर उसे वसूलना शुरू कर दिया है। हालांकि पेटीएम का कहना है कि, ग्राहकों से केवल एमडीआर चार्ज ही लिया जा रहा है। कंपनी का कहना है यह वह चार्ज जो बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां उससे वसूलती हैं। हालांकि पेटीएम ने कहा है कि वह ग्राहकों से कोई कन्वीनिएंस चार्ज नहीं ले रहे हैं।
एमडीआर चार्ज वह फीस है, जो दुकानदार डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर लेता है। एक तरह से यह डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की सुविधा पर लगने वाली फीस ही है। एमडीआर के नाम लिया गया पैसा दुकानदार को नहीं मिलती है। दुकनदार को यह फीस कार्ड से होने वाले हर पेमेंट के बदले में एमडीआर के रूप में चुकानी पड़ती है।
क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से भुगतान पर चार्ज की जाने वाली एमडीआर की रकम 3 हिस्सों में बंटी जाती है। सबसे बड़ा हिस्सा क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान को मिलता है। इसके बाद कुछ हिस्सा उस बैंक या वित्तीय कंपनी को मिलता है, जिसकी प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीन दुकानदार के यहां लगी होती है। सबसे अंत में एमडीआर का कुछ हिस्सा पेमेंट कंपनी को मिलता है।