इंदौर। आयकर के परमानेंट अकाउंट नंबर (पेन) को भी अब आधार कार्ड से लिंक करना होगा। अब तक विकल्प के तौर पर दिए इस निर्देश को आयकर विभाग जल्द ही अनिवार्य करेगा। अधिसूचना जारी कर करदाताओं को इसके लिए आखिरी मौका देने की तैयारी चल रही है। इसके बाद आधार से लिंक नहीं होने वाले पेन को रद्द कर दिया जाएगा।
विभाग आधार-पेन के लिंक से एक तीर से कई निशाने लगाने की तैयारी में है। पहला निशाना एक से ज्यादा ‘पेन’ लेकर सरकार और विभाग को धोखा दे रहे लोग हैं। आगे जाकर इस लिंकेज से टैक्स चोरी करने वाले और कर दायरे में आने वाले नए लोग भी चिन्हित हो सकेंगे। पहला कदम आगे बढ़ाते हुए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर पेन-आधार को लिंक करने का विकल्प डाल दिया गया है। इसके जरिए अब भी करदाता अपना आधार नंबर लिंक कर सकते हैं। वैकल्पिक होने के कारण फिलहाल गिनती के करदाता ही अपने दोनों नंबरों को लिंक कर रहे हैं।
जुलाई से सितंबर तक
विभागीय सूत्रों के मुताबिक आधार-पेन लिंकेज को लेकर मई में आयकर की ओर से अधिसूचना जारी कर अंतिम मियाद की घोषणा की जाएगी। वरिष्ठ कर सलाहकार सीए राजेश मेहता के मुताबिक पेन कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए जुलाई से सितंबर तक का अधिकतम समय दिया जा सकता है। नए पेन जारी कराने के लिए पहले ही आधार अनिवार्य किया जा चुका है। घोषित होने वाली इस अवधि के दौरान जो पेन आधार से लिंक नहीं होंगे, उन्हें ब्लॉक किया जाएगा।
दोहरे पेन से हो रहा खेल
बीते समय आयकर विभाग मध्यप्रदेश में एक ही नाम से जारी एक से ज्यादा पेन निरस्त करने की कार्रवाई कर चुका है। इसके बावजूद अब भी एक से ज्यादा पेन रखने वाले कई केस पकड़ में आना बाकी है। मेहता के मुताबिक कुछ लोगों के गलती से एक से ज्यादा पेन बन जाते हैं। इससे उलट कई लोग ऐसे होते हैं जो टैक्स में हेरफेर करने के लिए जानबूझकर ऐसा करते हैं।
आमतौर पर ऐसे लोग सावधानी बरतते हुए अलग-अलग शहरों और पतों से पेन जारी करवाते हैं। इसके लिए कई बार नाम में भी थोड़ा बदलाव कर लिया जाता है। कई मामलों में नाम के शॉर्ट फॉर्म का उपयोग कर लिया जाता है। इसमें नाम के साथ कुमार, सिंह जोड़ या हटाकर ऐसा किया जाता है, क्योंकि पते अलग होते हैं। एक से टैक्स मध्यप्रदेश में तो दूसरे नंबर से मुंबई में जमा किया जाता है, लिहाजा विभाग भीऐसे दोहरे पेन धारकों को पकड़ नहीं पाता है। अब आधार से लिंक होने के बाद एक से ज्यादा पेन रखना असंभव होगा, क्योंकि फिंगर प्रिंट और रेटिना की पहचान दर्ज होने से आधार नंबर एक ही होगा तो दो पेन भी नहीं मिलेंगे।
दूर तक निशाना
कर सलाहकारों के मुताबिक आयकर विभाग की आगे आधार-पेन के लिंक से कर चोरी को नामुमकिन बनाने की तैयारी है। आधार से बैंक खाते पहले ही लिंक हो चुके हैं। इसी के जरिए कैशलेस भुगतान भी बिना कार्ड के सिर्फ अंगुली के निशान से करने की शुरुआत हो चुकी है। हवाई यात्राओं में टिकट बोर्डिंग पास, संपत्ति में आधार कर दिया गया है। बड़ी खरीदी में भी आधार जुड़ गया है। ऐसे में आगे हवाई यात्राओं से लेकर खर्च का रिकॉर्ड भी आयकर सीधे हासिल कर कार्रवाई कर चोरी पकड़ सकेगा।
जून में आयकर अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रहा है। इससे कर चोरी तो रुकेगी ही, कार्ड और संपत्ति के नाम से होने वाली धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा।