शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने कहा है, “जिन लोगों को वीर सावरकर पर विश्वास नहीं है, उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटना चाहिए, क्योंकि उन्हें भारत की स्वतंत्रता में वीर सावरकर के संघर्ष और महत्व का अहसास नहीं है। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी अतीत में वीर सावरकर का अपमान किया है।”
राजनीतिक हलकों में आशंका जताई जा रही है कि उनके इस बयान पर जमकर विवाद होगा। इस बयान की वजह दिल्ली विश्वविद्यालय में गुरुवार को विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा कालिख पोतना है।
गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता एक बार फिर आमने-सामने आ गए।
डीयू (DU) की आर्ट फैकल्टी में एक दिन पहले ही लगाई गई विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा पर न केवल कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कालिख पोती, बल्कि जूतों की माला भी पहनाई।
बताया जा रहा है कि वाम दल की छात्र इकाई ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने भी एनएसयूआई का साथ दिया है। इससे डीयू में छात्रों के बीच आपसी टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
गौरतलब है कि डीयू छात्रसंघ के अध्यक्ष शक्ति सिंह (एबीवीपी) ने शहीद भगत सिंह के साथ ही सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर की प्रतिमाएं लगवाई थीं। एनएसयूआई के कार्यकर्ता लगातार इसका विरोध कर रहे थे।
इस पर एनएसयूआई का कहना था कि एबीवीपी ने दोनों स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सावरकर की प्रतिमा लगाकर इनका अपमान किया है।
छात्रों का कहना था कि सावरकर का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था। वह देशभक्त नहीं देशद्रोही थे। इसी के चलते प्रतिमा पर स्याही पोती गई।