नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल खरीदने वालों को लेकर सरकार तेल कंपनियों ने बड़ा एलान किया है। अब 16 जून से पूरे देश में रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम तय होंगे। तीनों सरकारी तेल कंपनियों ने अपनी इस पुरानी मांग पर मुहर लगा दी है। तेल कंपनियों का मानना है कि रोजाना की कीमत तय होने से मौजूदा बाजार के हालात ज्यादा बेहतर तरीके से नजर आएंगे। इससे पेट्रोल और डीजल के दाम पर भारी उतार चढ़ाव पर भी काबू पाया जा सकेगा।
तेल कंपनियों का कहना है कि रोजाना के आधार पर कीमत की समीक्षा होने से कई फायदे होंगे। मसलन, खुदरा कीमत मौजूदा बाजार परिस्थितियों को बेहतर तरीके से लोगों को सामने रख सकेंगी। कीमतों में ज्यादा तेज उतार-चढाव नहीं देखने को मिलेगा। व्यवस्था ज्यादा पारदर्शी होगी। साथ ही रिफाइनरी या डिपो से बेहतर तरीके से पेट्रोल-डीजल पंप तक पहुंचाएं जा सकेंगे। कुछ विकसित देशों जैसे अमेरिका में रोजाना के आधार पर कीमत तय करने की व्यवस्था पहले से ही लागू है।
सरकारी तेल कंपनियों का कहना है कि रोजाना की कीमत के बारे में जानकारी देने के लिए हर जरुरी उपाय किए जा रहे है। इसके लिए हर रोज अखबारों में पेट्रोल-डीजल की कीमत प्रकाशित किए जाएंगे। साथ ही एसएमएस और मोबाइल एप के जरिए भी जानकारी मुहैया कराने का इंतजाम होगा। पेट्रोल पंपों पर कीमत प्रभावी तरीके से प्रदर्शित किए जाएंगे।
जानिए- ताजा फैसला क्या है?
– पूरे देश में रोजाना के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमत 16 जून से तय होगी
– तीनों सरकारी तेल कंपनियों, इंडियन ऑय़ल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने किया ऐलान
– पांच शहरों, उदयपुर, जमशेदपुर, पुड्डुचेरी, चंडीगढ़ और विशाखापत्तनम में पहली मई से रोजाना के आधार पर कीमत हो रही है तय
– रोजाना की कीमत तय होने से मौजूदा बाजार परिस्थितियां ज्यादा बेहतर तरीके से नजर आएंगी
– पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव पर रोक लगाना संभव
– अभी हर पंद्रह दिन पर कीमत तय होती है तय
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मई से सरकार ने एक्सपेरीमेंट के तौर पर देश के 5 शहरों में पेट्रोल, डीजल की कीमतों में अंतर्राष्ट्रीय दाम के मुताबिक रोजाना आधार पर संशोधन की शुरुआत की थी। इस पायलट प्रोजक्ट की कामयाबी के बाद तेल कंपनियां डायनेमिक प्राइसिंग को पूरे देश में लागू कर रही है।
अब तक पुडुचेरी, विशाखापटनम, उदयपुर, जमशेदपुर और चंडीगढ़ में पेट्रोल और डीजल के दाम हर रोज़ तय हो रहे हैं।
आपको बता दें कि तीन सरकारी तेल कंपनियों का देश के कुल पेट्रोल पंप में से 95 फीसदी हिस्से पर कब्जा है। तेल कंपनियों से मांग की थी कि रोजाना पेट्रोल-डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के हिसाब से तय किए जाएं।