नई दिल्ली- नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को ज्यादा से ज्यादा कैशलेस बनने की सलाह दी है। लेकिन ऐसे में पेट्रोल पंपों ने बैंकों की मनमानी को लेकर सोमवार से कॉर्ड से पैमेंट लेने से इंकार कर दिया है।
खबर के अनुसार, पेट्रोल पंप मालिकों ने ऐलान किया है कि वह सोमवार से कॉर्ड से भुगतान नहीं लेंगे। उनका यह विरोध बैंकों द्वारा ली जाने वाली ट्रांजेक्शन फीस को लेकर है।
दरअसल मामला बैंकों और पेट्रोलियम डीलर के बीच उलझा हुआ है। बैंक द्वारा प्रति ट्रांजेक्सन 1% चार्ज वसूला जा रहा है। जिससे नाराज पेट्रोलियम डीलर्स ने क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड पेमेंट का ही बहिष्कार कर दिया है।
अगर वहीं पेट्रोल पंप पर सिर्फ कैश में ट्रांजेक्सन चलता रहा तो लाखों गाड़ी वालो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड द्वारा पेट्रोल पंप पर पेमेंट एक्सेप्ट नहीं करने का मामला उस समय आया है जब केंद्र ने पेट्रोल पंप पर कैशलेस पेमेंट करने पर 0.75% कैशबैक का ऑफर देने की बात की थी।
रवीन्द्रनाथ ने कहा कि सभी पेट्रोलियम डीलर्स का लाभांश आयल मार्केटिंग कंपनी के द्वारा तय किया जाता है। और लाभांश की सीमा 0.3% से 0.5 % तक रखी गई है।
पेट्रोल पंप के एक मैनेजर ने कहा कि अब पब्लिक हमें गुंडों के नजरिये से देखेगी, कि हमलोग सिर्फ कैश में तेल दे रहे हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और है- पेट्रोल/डीजल पर हाइली रेगुलेटेड होता है। हमलोग अपना खुद का रेट नहीं फिक्स कर सकते हैं। इसलिए सबसे अच्छा उपाय है कि हमलोग कार्ड से पेमेंट एक्सेप्ट नहीं करें।
जब रवीन्द्रनाथ से पूछा गया कि क्या लोगों को इस तरह सजा देना जायज है ? तो उन्होंने कहा कि यह हमारे कण्ट्रोल में नहीं है कि हम अपने लिए कितना प्रॉफिट तय करें। OMC इसे फिक्स करती है। और इस समय OMC इस मामले को सुलझाने की जगह कन्नी काट रही है। जब हमने जॉर्ज पॉल( OMC की ओर से CO-ordinate करने वाले) से इस मामले में बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि यह आपके और बैंक का मामला है। इसका हल आप ही निकाले।
उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय देश के तमाम पेट्रोल पंप के द्वारा ली गई है। सो हमलोगों का कदम खींचने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यह सिर्फ 1% चार्ज वापस लेने का मामला नहीं है यह मामला हमारे सर्वाइवल का है। हम इस तरह से कार्य नहीं कर सकते हैं। यह तब तक जारी रहेगा जब तक बैंक अपना निर्णय वापस नहीं लेती है।