मुंबई- सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुंबई में होटलों व रेस्टोरेंट्स में डांस बार को लाइसेंस जारी करने का रास्ता करते हुए कोर्ट ने डांस बार को लाइसेंस प्रदान करने के लिए पुलिस द्वारा लगाई गई शर्तो में संशोधन किए जाने के बाद यह आदेश दिया था जिसके मुताबिक डांस बार के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी नहीं होगा ! इसी मामले में अब राज्य सरकार नए कायदे लाने की कोशिश में है। महाराष्ट्र सरकार बार बालाओं के लिए तय वेतन और काम करने के तय घंटे जैसे नियम लाने की कोशिश में है। साथ ही बार में काम करने वाली महिलाओं को घर से लाने ले जाने की जिम्मेदारी बार मालिकों की होगी यह भी कहा गया है।
गृह राज्यमंत्री रंजीत पाटिल ने कहा कि बार बालाओं का शोषण रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। होटल और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि बार मालिक हमेशा से बार में काम करने वाली लड़कियों की सुरक्षा का खास ख्याल रखते आए हैं।
नए नियमों के मामले में सरकार को पहले बार मालिकों से बात करनी चाहिए थी और उनका भी सुझाव लेना चाहिए था। फिलहाल सरकार कुछ और नियमों के साथ डांस बार पर कानून का दायरा बढ़ाने की कोशिश में है।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र सरकार की इस शर्त पर बार मालिकों को सबसे ज्यादा एतराज था कि पुलिस कंट्रोल रूम में डांस बार की लाइव सीसीटीवी फुटेज देनी पड़ेगी। इसी को लेकर बार मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शराब और शबाब का संगम है डांस बार डांस बार का मतलब होता है ऐसा हॉल जहां तेज आवाज में बॉलीवुड गानों पर कुछ लड़कियां डांस करती हैं। ग्राहक उन लड़कियों पर नोट उड़ाते है और उनके साथ डांस करने से भी नहीं चूकते। इसके साथ ही कुछ डांसर्स ग्राहकों के गिलास में बीयर और शराब डालती रहती हैं। यानी शराब और शबाब का संगम होते हैं ये डांस बार।