डिंडोरी : विद्यालयों में शिक्षकों की कमी तो कही संसाधनों के आभाव में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो की जिंदगी पीस रही हे , तो वहीँ सरकार द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा के अधिकार की धज्जिया उड़ती नजर आ रही है आपको जानकर हैरानी होगी की डिंडोरी जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर चल रहे एक सरकारी स्कूल में बच्चो के भविष्य से किस तरह मजाक किया जा रहा है। जी हाँ हम बात कर रहे है प्राथमिक शाला कनईसांगवा की जहाँ एक कमरे में आपने एक क्लास को लगते देखा होगा लेकिन यहाँ ही कमरे में एक नहीं तीन क्लास लगा दिया जाता है। तब बच्चे क्या पढ़ेंगे और क्या समझेगे इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता हैं।
हालांकि शिक्षक इस बात से इंकार नहीं करते की उन्हें खुद ही बच्चो को इस तरह पढ़ाने में परशानी होती हहैं। पर क्या करें कमरे तीन शिक्षक दो और क्लास की संख्या पांच अब ऐसे में बच्चो और शिक्षकों को दोनों को ही परेशानि का सामना तो करना ही पड़ेगा पर इन मासूमो के भविष्य की परवाह तो करनी पड़ेगी। सरकार की इस सरकारी स्कूल में बच्चो के मुँह का निवाला भी छीन लिया गया यहाँ तीन दिन से मिड डे मिल का खाना बच्चो को दिया ही नहीं गया। औचक निरिक्षण पर पहुचे कलेक्टर अमित तोमर ने जब एच एम से जानकारी मांगी तो पता चला खाना बनाने वाले समूह को आवंटन ही नहीं दिया गया।
डिंडोरी कलेक्टर ने आवंटन दिलाने की बात कही हैं अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि जब मुख्य के इतने करीब चल रहे इस विद्यालय का यह हाल है तो मुख्यालय से दूर संचालित विद्यालयों का क्या हाल होता होगा पर इन बच्चों के भविष्य का क्या होगा यह एक बड़ा सवाल है।
रिपोर्ट @ दीपक नामदेव