लंदन- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार असहिष्णुता के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। मोदी ने लंदन में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आश्वासन दिया कि भारत के किसी भी हिस्से में असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक रिपोर्टर के पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, भारत बुद्ध की धरती है, गांधी की धरती है और हमारी संस्कृति समाज के मूलभूत मूल्यों के खिलाफ किसी भी बात को स्वीकार नहीं करती है।
मोदी ने कहा, ‘हिंदुस्तान के किसी कोने में कोई घटना घटे, एक हो, दो हो या तीन हो, सवा सौ करोड़ की आबादी में एक घटना का महत्व है या नहीं, हमारे लिए हर घटना का गंभील महत्व है। हम किसी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। कानून कड़ाई से कार्रवाई करता है और करेगा। भारत एक विविधतापूर्ण लोकतंत्र है। यह संविधान के तहत चलता है और सामान्य से सामान्य नागरिकों, उनके विचारों की रक्षा को प्रतिबद्ध है।
एक पत्रकार ने मोदी से उनके लंदन आगमन पर हुए विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछा तो मोदी ने कहा, अपना रिकॉर्ड दुरुस्त कर लीजिए। वर्ष 2003 में भी मैं यहां आया था और मेरा बहुत स्वागत, सम्मान हुआ था।
यूके ने मुझे कभी यहां आने से नहीं रोका, कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। मेरे समायाभाव के कारण मैं यहां नहीं आ पाया, यह अलग बात है। अपना नजरिया ठीक कर लें। गौरतलब है कि 2002 के गुजरात दंगों को लेकर मोदी के ब्रिटेन दौरे से पहले यहां विरोध प्रदर्शन किया गया और यहां तक कहा गया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते उनके रिकॉर्ड को देखते हुए वे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को दिए जाने वाले सम्मान के हकदार नहीं हैं।-एजेंसी