मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के बजाय देश के बेरोजगार लोगों के लिए ‘नेशनल रजिस्टर ऑफ अनइंप्लॉयड यूथ’ बनाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार के दौरान आरएसएस पर देश के बेरोजगारों को रोजगार देने की जगह धार्मिक कार्यों के काम में लगाने का आरोप लगाया है।
सीएए और एनआरसी पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे विरोध पर देश में अधिकांश हिंदुओं का समर्थन न मिलने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिग्विजय ने बताया कि आरएसएस ने इस देश में बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की बजाए उनको कभी कांवड़ यात्रा निकालने, कभी चुनरी यात्रा निकालने, कभी भंडारा करने के जैसे काम में लगा दिया है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं उन युवकों से कहना चाहता हूं आज एनआरसी बनाने के बारे में मांग करने के बजाय अमित शाह-मोदी से मांग करो कि एनआरयू बनाइए। बेरोजगार लोगों का रजिस्टर बनाइए। सिटिजन रजिस्टर तो हमारे पास पहले से बना हुआ है। आधार कार्ड पर हमारा बायोमेट्रिक लेते हो, वोटर कार्ड आपके पास हैं। अब एनआरसी की जरूरत क्या है?’’
उन्होंने बताया, ‘‘मैं बेरोजगारों से कहना चाहता हूं कि धर्म का पालन करो। धर्म के पालन करने में कोई किसी को नहीं रोकता। लेकिन इनके बहकावे में मत आओ। ये तुमको रोजगार नहीं दे रहे हैं, तुमको उस रास्ते पर ले जा रहे हैं, जिसमें रोजगार नहीं मिलता।’’
दिग्विजय ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘केवल भावनाएं भड़का कर लोगों को वोट कमाने का एक माध्यम बना लिया है। इस बात को समझने की जरूरत है। मेरी मांग है ‘नेशनल रजिस्टर ऑफ अनइंप्लॉयड यूथ’ अमित शाह और नरेंद्र मोदी को बनाना चाहिए।