अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब से मैं दिल्ली गया हूं, हर दिन ऐसा काम करता हूं जिससे कोई न कोई मुझसे नाराज हो जाता है।
उन्होंने कहा कि जब वह गुजरात में थे तब भी बहुत से लोगों की नाराजगी मोल लेते थे। प्रधानमंत्री ने ये बातें सोमवार को सूरत में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन करने बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि हमने सभी दवा कंपनियों से कीमतें कम करने के लिए कहा।
दवा कंपनियां एक इंजेक्शन के लिए 1,200 रुपये तक लिया करती थीं। हमने 700 दवाइयों की अधिकतम कीमत तय कर दी। इससे गरीबों को उचित दर पर दवाइयां मिल सकेंगी। हमने दिल की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले स्टेंट की भी कीमतें तय कर दीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इससे अंदाज लगाइए कि कितने दवा निर्माता मुझसे नाराज हुए होंगे। उन्होंने कहा कि ताकतवर दवा निर्माता लॉबी की नाराजगी के बावजूद सरकार गरीब और मध्य वर्ग के लोगों को गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है।
सरकार ने प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना लागू की है। इसके तहत लोगों को दुकानों से उचित दर पर जेनेरिक दवाएं मिलेंगी। उन्होंने संकेत दिया कि सरकार डॉक्टरों द्वारा मरीजों को जेनेरिक दवाएं लिखे जाने के लिए कानून बना सकती है। जेनेरिक दवाएं समान असर वाली ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 वर्षों बाद उनकी सरकार स्वास्थ्य नीति लाई है। उन्होंने संपन्न लोगों से जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य देखभाल में योगदान के लिए आगे आने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का निर्माण राजाओं और नेताओं ने नहीं किया है बल्कि लोगों की ताकत ने इसका निर्माण किया है।
500 करोड़ में बना अस्पताल
पाटीदार स्वास्थ्य ट्रस्ट की ओर से 500 करोड़ रुपये की लागत से किरण मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हाईटेक हॉस्पिटल का निर्माण कराया गया है। प्रधानमंत्री ने पाटीदार समाज ट्रस्ट के सदस्यों से कहा कि 500 करोड़ रुपये का अस्पताल बनवाकर ही नहीं ठहर जाना है। अब 5000 करोड़ रुपये की सेवा योजना पर काम करना होगा। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने इस अस्पताल की आधारशिला रखी थी।
प्रधानमंत्री ने दिया श्राप
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे शुभकामना नहीं श्राप देते हैं कि किसी को यहां (अस्पताल) नहीं आना पड़े। उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि ईश्वर किसी को अस्पताल का मुंह नहीं दिखाए। गौरतलब है कि एक बार महात्मा गांधी ने भी टीबी अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर कहा था कि उन्हें अस्पताल के उद्घाटन नहीं, उसे ताला लगाने के लिए जरूर बुलाएं।
बाजरे की रोटी और खिचड़ी
प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत आकर एक बार फिर गुजरात के खाने को याद किया। रविवार शाम भी उनको बाजरे की रोटी और खिचड़ी के लिए निमंत्रण मिला। सोमवार सुबह भी उनको नाश्ते में सौराष्ट्र में बनने वाली भाखरी मिली।
प्रोटोकॉल तोड़ बच्ची को दुलारा
सर्किट हाउस से किरण हॉस्पिटल जाते समय कतारगाम गेट के पास स्वागत के लिए खड़े लोगों में एक मासूम बच्ची भी हाथ में फूल लेकर खड़ी थी। प्रधानमंत्री मोदी की नजर जब उस पर पड़ी तो उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर बच्ची को अपने पास बुलाया और दुलारा। अपनी कार में कुछ देर बिठाने के बाद बच्ची को वापस उसके माता-पिता को सौंप दिया।