सुप्रीम कोर्ट कॉम्प्लेक्स में अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन (IJC) का इसका आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा, गांधी जी तब बंबई में थे। उनके संघर्ष के दिन थे। किसी तरह पहला मुकदमा मिला था, लेकिन उन्हें कहा गया कि केस के एवज में उन्हें कमीशन देना होगा।नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन (IJC) में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। उनके साथ यहां केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद हैं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच कई बार देश के लिए संविधान के तीनों पिलर ने उचित रास्ता ढूंढा है। हमें गर्व है कि भारत में इस तरह की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है। बीते 5 वर्षों में भारत की अलग-अलग संस्थाओं ने, इस परंपरा को और सशक्त किया है।
बता दें सुप्रीम कोर्ट कॉम्प्लेक्स में अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन (IJC) का इसका आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा, गांधी जी तब बंबई में थे। उनके संघर्ष के दिन थे। किसी तरह पहला मुकदमा मिला था, लेकिन उन्हें कहा गया कि केस के एवज में उन्हें कमीशन देना होगा।
गांधी जी ने तब साफ कह दिया था कि केस मिले न मिले, मैं कमीशन नहीं दूंगा। सत्य के प्रति उनकी ऐसी प्रतिबद्धता थी।
उन्होंने कहा, पूज्य बापू का जीवन सत्य और सेवा को समर्पित था, जो किसी भी न्यायतंत्र की नींव माने जाते हैं और हमारे बापू खुद भी तो वकील थे। अपने जीवन का जो पहला मुकदमा उन्होंने लड़ा, उसके बारे में गांधी जी ने बहुत विस्तार से अपनी आत्मकथा में लिखा है। पीएम ने कहा, मुझे खुशी है कि इस कॉन्फ्रेंस में ‘जेंडर जस्ट वर्ल्ड’ के विषय को भी रखा गया है। दुनिया का कोई भी देश, कोई भी समाज जेंडर जस्टिट के बिना पूर्ण विकास नहीं कर सकता और न ही न्यायप्रियता का दावा कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, हाल में कुछ ऐसे बड़े फैसले आए हैं, जिन्हें लेकर पूरी दुनिया में चर्चा रही। इन फैसलों से पहले अनेक तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन हुआ क्या? 130 करोड़ भारतवासियों ने न्यायपालिका द्वारा दिए गए इन फैसलों को पूरी सहमति के साथ स्वीकार किया है। दुनिया के करोड़ों नागरिकों को न्याय और गरिमा सुनिश्चित करने वाले आप सभी दिग्गजों के बीच आना, अपने आप में बहुत सुखद अनुभव है। आप सभी न्याय की जिस कुर्सी पर बैठते हैं, वह सामाजिक जीवन में भरोसे और विश्वास का महत्वपूर्ण स्थान है।
प्रधानमंत्री आज विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के उद्घाटन समारोह को भी संबोधित करेंगे। बता दें ओडिशा के भुवनेश्वर में 22 फरवरी से 1 मार्च तक गेम्स का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री शाम 7 बजे उद्घाटन समारोह को संबोधित करने वाले हैं। गौरतलब है कि ओडिशा सरकार के सहयोग से भारत सरकार द्वारा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स शुरू किया जा रहा है। यह भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली सबसे बड़ी प्रतियोगिता है। इसमें देश के 150 से अधिक विश्वविद्यालयों के लगभग 3500 एथलीट हिस्सा लेंगे।
आयोजन में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, तलवारबाजी, जूडो, तैराकी, कुश्ती, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, टेबल टेनिस, टेनिस, वॉलीबॉल, रग्बी और कबड्डी जैसे कुल 17 खेल शामिल होंगे।