नई दिल्ली: PM मोदी ने बुधवार को आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था पर देश के लोगों को संबोधित किया। मोदी ने मंगलवार को पेश हुए बजट पर अपनी बात रखी। मोदी ने कहा, “आजादी के 75वें साल में आई कोरोना महामारी पूरी दुनिया के लिए चुनौतियां लेकर आई हैं। दुनिया चौराहे पर खड़ी हो गई है। आगे की दुनिया वैसी नहीं होगी, जैसे कोरोना से पहले थी।” देश का डिजिटल रुपया कैसा होगा, इसको लेकर तरह तरह की चर्चा हैं। पीएम मोदी ने सोमवार को बजट के एक दिन बाद डिजिटल रुपया का सस्पेंस कुछ कम किया। उन्होंने बताया कि इसे कैश भी किया जा सकेगा।
कोरोना संकट का भारत ने मुस्तैदी से मुकाबला किया है। पीएम ने कहा, “भारत को देखने का दुनिया का नजरिया बदल गया है। दुनिया अब भारत को ज्यादा मजबूत देखना चाहती है। हमारे लिए जरूरी है कि हम अपने देश को तेजी से आगे बढ़ाएं। मजबूती लाएं। ये समय नए अवसरों का है। नए संकल्पों की सिद्धि का समय है। बहुत जरूरी है कि हम आत्मनिर्भर बनें। आत्मनिर्भरता की नींव पर आधुनिक भारत का निर्माण हो।”
पीएम ने कहा कि सेंट्रल बैंक के डिजिटल करंसी की भी काफी चर्चा है। इसे डिजिटल इकॉनमी को काफी बल मिलेगा। यह डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करंसी है, उसी की तरह डिजिटल स्वरूप लेगी। आरबीआई इसको मॉनिटर करेगी। यह ऐसी व्यवस्था होगी, जिसे फिजिकल करंसी से एक्सचेंज भी किया जा सकेगा।
कैश के बदले डिजिटल
जैसे कोई आपको डिजिटल रुपये में पे करता है तो आपको कैश में बदल पाएंगे। डिजटल पेमेंट, ऑनलाइन पेमेंट, रिटेल पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होगा। रिस्क फ्री होगा। इससे ग्लोबल पेमेंट सिस्टम के निर्माण में भी आसानी होगी। यह डिजिटल रुपया फिनटेक से जुड़े सेक्टर को अनेक अवसर देगा। इससे कैश को प्रिंट करने, हैंडल करने, बांटने में जो बोझ पड़ता है, वह भी कम होगा।
पीएम मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले 7 साल में जो निर्णय लिए गए हैं, उस वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर तेजी से विस्तार हो रहा है। पहले भारत की GDP 110 लाख करोड़ रुपये थी जो आज 230 लाख करोड़ के पार है। भारत का एक्सपोर्ट 2.85 लाख करोड़ से बढ़कर 4.70 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा रिजर्व 630 बिलियन डॉलर को पार कर गया है।
5G से फायदा
पीएम मोदी ने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी स्टार्टअप को प्रोत्साहन देगी। देश में एनिमेशन का तेजी से विकास हो रहा है। भारत मोबाइल गेमिंग में दुनिया के टॉप-5 देशों में हैं। आने वाले समय में ये 3 लाख करोड़ का हो जाएगा। हमारे बच्चे विदेशों से आए गेम से खेलेंगे या हमारे देश के गेम से खेलेंगे।