नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को कुत्तों से देशभक्ति सीखकर आने की सलाह दी। बता दें, कुत्तों की ये खास नस्ल उत्तरी कर्नाटक में पाई जाती है। पीएम ने ये बात उत्तरी कर्नाटक के बगलकोट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहीं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन सभी से कहना चाहता हूं जिन्हें देशभक्ति अच्छी नहीं लगती है। वे बिल्कुल न सीखें अगर उन्हें दूसरों से, अपने पूर्वजों से और यहां तक कि महात्मा गांधी की कांग्रेस से भी सीखना अच्छा नहीं लगता है। लेकिन कम से कम मेरे बगलकोट के रहने वाले मुधोल कुत्तों से तो सीख लें। बगलकोट में पाए जाने वाले मुधोल कुत्ते इस वक्त सेना की बटालियन में शामिल होकर देश की सेवा कर रहे हैं।
दरअसल भाजपा ने पिछले हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर राष्ट्रीय गान का अपमान करने का आरोप लगाया था। भाजपा ने इस वाकये की वीडियो क्लिप भी शेयर की थी। इस क्लिप में एक जनसभा के दौरान राहुल गांधी अपनी घड़ी की ओर देखते हुए कार्यकर्ता को राष्ट्रगान जल्दी पूरा करके कार्यक्रम को खत्म करने की बात कर रहे हैं। हालांकि पीएम मोदी ने इस दौरान कहीं भी राहुल गांधी का उल्लेखन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग ‘वंदे मातरम पर चर्चा से चिंतित हैं। हमने मुधोल कुत्तों के देश के प्रति प्यार को महसूस किया है और इसीलिए हम देश की सुरक्षा के लिए कुत्तों की एक बटालियन बना रहे हैं। बता दें कि मुधोल कुत्ते शिकारी कुत्तों की एक नस्ल है। यह नस्ल उत्तरी कर्नाटक के बगलकोट के एक कस्बे मुधोल में पाई जाती है। ये भारतीय कुत्तों की पहली नस्ल है जिसे सेना में शामिल किया गया है।
पीएम मोदी के हमले हुबली की जनसभा में भी जारी रहे। पीएम मोदी बगलकोट से 140 किमी दूर मध्य कर्नाटक के हुबली—धारवाड में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस रैली में पीएम मोदी ने सोनिया गांधी को निशाने पर लिया। यहां पीएम मोदी ने स्थानीय फसल सुपाड़ी का जिक्र किया। पीएम ने कहा, ‘सोनिया बहन की यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था कि सुपाड़ी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। आप मुझे बताइए, पूरे देश की जरूरत की आधी सुपाड़ी यहां पैदा होती है। जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ये हलफनामा दाखिल किया था, तो क्या उन्होंने सोचा था कि मेरे किसान बहन—भाइयों का क्या होगा?
वहीं चित्रदुर्ग की जनसभा में उन्होंने कांग्रेस पर स्थानीय योद्धाओं वीर मडाकरी और ओनेक ओबाव्वा को भूलने, जबकि सुल्तान की वर्षगांठ मनाने का आरोप लगाया। बता दें कि ओनेक ओबाव्वा मडाकरी नायक की सेना के एक महान सैनिक की वीर पत्नी थी। पीएम मोदी ने कहा, ‘मडाकरी नायर चित्रदुर्ग के आखिरी शासक थे। उन्होंने अपने सैनिकों को हैदर अली की सेना के खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ने के लिए कहा था। हैदर अली टीपू सुल्तान के पिता थे। टीपू सुल्तान की जयंती मनाकर कांग्रेस ने कर्नाटक और चित्रदुर्ग जिले के लोगों का अपमान किया है।’
पीएम मोदी ने इस जनसभा में शहीद लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ को भी श्रद्धांजलि दी। शहीदी हनुमनथप्पा हुबली—धारवाड़ के रहने वाले वीर सैनिक थे। जिन्होंने साल 2017 के मार्च में सियाचिन ग्लेशियर में सेवा के दौरान एवलांच में छह दिन दबे रहने के बाद वीरगति पाई थी। उन्होंने दिवंगत कन्नड़ कवि दत्तात्रेय रामचन्द्र बेंद्रे के साथ ही हुबली की झंडा बनाने वाली महिलाओं और धारवाड़ के पेड़े का भी जिक्र किया।
लेकिन पीएम ने अपनी जनसभा में एमएम कलबुर्गी का कोई जिक्र नहीं किया। कलबुर्गी सम्मानित विद्वान थे जिन्हें कुछ लोगों ने 2015 में धारवाड़ में गोली मार दी थी। जिस जगह कलबुर्गी को गोली मारी गई थी, वह जगह पीएम मोदी के रैली स्थल से सिर्फ 15 किमी दूर थी। लेकिन पीएम मोदी ने कलबुर्गी पर एक भी शब्द नहीं कहा। न ही उन्होंने अपने भाषण में कहीं भी गौरी लंकेश का जिक्र किया। गौरी लंकेश पत्रकार थीं, जिनकी पिछले साल बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।