नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर 2016 यानी आज नोटबंदी को लेकर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने इससे पहले 8 नवंबर को देश को संबोधित किया था, जब उन्होंने देश से भ्रष्टाचार और काले धन को खत्म करने के लिए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने की घोषणा की थी।
”अब डिजिटल लेनदेन को लेकर समाज में काफी सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है। कल ही सरकार ने बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए स्वदेशी प्लेटफॉर्म भीम लॉन्च किया है। यानी भारत इंटरफेस फॉर मनी। देश के किसानों, व्यापारियों से आग्रह है कि वे इससे ज्यादा से ज्यादा जुड़ें। दीपावली के बाद जो हुआ, निर्णय हुए, इनका मूल्यांकन अर्थशास्त्री तो करेंगे ही। लेकिन समाजशास्त्री और इतिहाविद् भी इस पूरे घटनाक्रम का मूल्यांकन करें। एक राष्ट्र के रूप में भारत का गांव-गरीब-किसान-युवा-पढ़े लिखे, पुरुष-महिला, सबने अप्रतिम धैर्य और लोकशक्ति का दर्शन कराया है। कुछ समय के बाद 2017 शुरू होगा। आज से ठीक सौ साल पहले 1917 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण में पहली बार सत्याग्रह का आंदोलन आरंभ हुआ था। इन दिनों हमने देखा कि सौ वर्ष के बाद भी हमारे देश में सचाई और अच्छाई के प्रति सकारात्मक संस्कार का मूल्य है। आज महात्मा गांधी नहीं हैं लेकिन उनका यह मार्ग हमें सत्य का आग्रह करने के लिए प्रेरित करता है। चंपारण शताब्दी के अवसर पर हम महात्मा गांधी का पुण्य स्मरण करें और सत्य का आग्रह करें। इससे आगे बढ़ने में हमें कठिनाई नहीं आएगी। इस लड़ाई को हमें रुकने नहीं देना है। सत्य का अाग्रह संपूर्ण सफलता की गारंटी है।”
देश के नाम संदेश की बातों के मुख्य अंश :
दीवाली के तुरंत बाद हमारा देश ऐतिहासिक शुद्धिकरण का गवाह बना।
अच्छाई के लिए होने वाले आंदोलनों में जनता और सरकार आमने सामने होते हैं, लेकिन इस आंदोलन में सरकार और जनता दोनों कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ रहे हैं।
‘कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी’, इसे देशवासियों ने जीकर दिखाया।
भारतीयों ने जो कष्ट सहा, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बनेगा।
शास्त्री जी, लोहिया जी, जेपी जी अगर आज होते तो देशवासियों को आशीर्वाद देते।
ईमानदारों की रक्षा सरकार का जिम्मा है, काला धन समाज के लिए नासूर है।
यह सरकार सज्जनों की मित्र है और दुर्जनों को सज्जनता के रास्ते पर लौटाने के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करने के पक्ष में है।
आदतन बेइमान लोगों को भी अब तकनीक की ताकत के कारण काले कारोबार से निकलकर ईमानदारी से काम करना ही होगा।
मानव स्वभाव अच्छाइयों से भरा रहता है लेकिन समय के साथ जो बुराइयां उत्पन्न होती हैं, लोग उनसे मुक्त होने का प्रयास करते हैं।
नोटबंदी से हुई दिक्कतें उज्ज्वल भविष्य के लिए किया गया बलिदान हैं. गड़बड़ी करने वालों को हरगिज़ नहीं बख्शेंगे।
सबका साथ-सबका विकास. इसके चरितार्थ करने के लिए नव वर्ष की पूर्व संध्या पर देश के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला रही हैं।
शहरी गरीब के लिए दो नई हाउसिंग योजनाओं की घोषणा की. पीएम आवास योजना के तहत शहरों में बनने वाले घरों पर नौ लाख के कर्ज पर ब्याज में 4% और 12 लाख पर 3% की छूट।
जिन किसानों ने रबी की बुवाई के लिए कर्ज लिया था, सरकार उनके 60 दिन का ब्याज वहन करेगी।
सरकार ने यह भी तय किया है कि अगले तीन महीने में तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जाएगा।
बैंक गरीबों को ध्यान में रखकर काम करें. बैंक लोकहित में उचित निर्णय लें।
यह सरकार सज्जनों की मित्र है और दुर्जनों को सज्जनता के रास्ते पर लौटाने के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करने के पक्ष में है।
आदतन बेइमान लोगों को भी अब तकनीक की ताकत के कारण काले कारोबार से निकलकर ईमानदारी से काम करना ही होगा।
मानव स्वभाव अच्छाइयों से भरा रहता है लेकिन समय के साथ जो बुराइयां उत्पन्न होती हैं, लोग उनसे मुक्त होने का प्रयास करते हैं।