उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों व दिशानिर्देशों का सख्त पालन करना होगा। लॉकडाउन के पहले चरण में देश को संक्रमण की रफ्तार थामने में कामयाबी मिली है।
कोरोना से निपटने के लिए पीएम मोदी सोमवार को देशव्यापी लॉकडाउन के दूसरे चरण का एलान कर सकते हैं। अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए भी अहम घोषणाएं हो सकती हैं।
इसमें उद्योगों व सड़क परियोजनाओं समेत कोरोना मुक्त जिलों को शर्तों के साथ राहत दी जा सकती है।
कई मंत्रियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को आंशिक तौर पर औद्योगिक संचालन व सड़क परियोजनाओं का निर्माण शुरू करने का सुझाव दिया है।
हालांकि, उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों व दिशानिर्देशों का सख्त पालन करना होगा। लॉकडाउन के पहले चरण में देश को संक्रमण की रफ्तार थामने में कामयाबी मिली है।
हालांकि, अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ा है। इसीलिए पीएमओ ने मंत्रियों से सुझाव मांगे थे। इन सुझावों को पीएम अपनी घोषणा में शामिल कर सकते हैं।
दूसरे चरण में कृषि-उद्योग सहित कुछ क्षेत्रों को सामाजिक दूरी के पालन की शर्त पर छूट दी जाएगी। उद्योगाें को नई व्यवस्था में कामकाज का ब्लूप्रिंट देना होगा।
एमएसएमई और बड़ी कंपनियां जिनके पास निर्यात के ऑर्डर हैं। भारी विद्युत उपकरण, कंप्रेसर, कंडेंसर यूनिट, दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनियां। स्टील लौह अयस्क मिलें, पावरलूम, रक्षा उत्पाद, सीमेंट प्लांट, कागज उद्योग, उर्वरक, बीज शोधन इकाइयां, सभी खाद्य व पेय पदार्थ, ऑटो पार्ट्स, प्लास्टिक उत्पाद।
आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने पर जोर। संक्रमित क्षेत्र से बचाव व सामाजिक दूरी में मददगार होगा।
लॉकडाउन 2.0
- राज्य संक्रमण के आधार पर तीन जोन लाल, नारंगी व हरा तय करेंगे।
- कलेक्टर-एसपी अधिक जवाबदेह होंगे। श्रमिकों के पलायन जैसे हालात पर सीधे जिम्मेदार होंगे।
- सोमवार से केंद्र समेत सभी राज्यों में मंत्री और आला अफसर दफ्तर में होंगे। कामकाज सुचारू होगा।
- बैंक-एटीएम समेत पहले से तय आवश्यक सेवाएं लॉकडाउन से मुक्त रहेंगी।
- जहां हालात चिंताजनक हैं, उन राज्यों मेंं औपचारिक एलान से पहले ही लॉकडाउन बढ़ गया है।
- लॉकडाउन व सामाजिक दूरी के लिए सख्ती जारी रहेगी।
- क्लस्टर कंटेंमेंट से हॉटस्पॉट्स पर संक्रमण रहित होंगे।
सुरक्षा स्टोर
जरूरी सामान के लिए 20 लाख स्टोर बनेंगे। कंपनियों की मदद से पहले से मौजूद किराना दुकानें तय होंगी। ई-कॉमर्स को भी छूट।
विद्यार्थी
शैक्षणिक संस्थाएं नए सत्र में ही खुलेंगे। उच्च, तकनीकी व मेडिकल शिक्षा ऑनलाइन। वैविनार व दूरदर्शन का भी उपयोग होगा।
किसान
खेत तक पहुंच आसान होगी। मंडी परिषद गांव या घर से खरीद सुनिश्चित करेगी।
उद्योग
बड़े उद्योग व एमएसएमई प्रोटोकॉल का पालन व मजदूरों के रहने-खाने के इंतजाम के साथ सशर्त काम शुरू कर सकेंगे।