प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज दुनिया असाधारण चुनौतियों से लड़ रही है। इन चुनौतियों के लिए, स्थायी समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शों से आ सकते हैं। वे अतीत में प्रासंगिक थे। वे वर्तमान में प्रासंगिक हैं और वे भविष्य में प्रासंगिक बने रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आषाढ़ पूर्णिमा/गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के उपदेशों और उनके द्वारा दिखाए गए अष्टमार्ग पर चलने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि दुनिया आज असाधारण चुनौतियों से लड़ रही है और इसका समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शों से मिल सकता है।
प्रधानमंत्री कार्यलाय ने ट्वीट करते हुए कहा, मैं आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया। उस भावना से, हम भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि देते हैं।
कार्यालय ने कहा, भगवान बुद्ध का आठ गुना मार्ग कई समाजों और राष्ट्रों के कल्याण की दिशा में रास्ता दिखाता है। यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं विचार और क्रिया दोनों में काम आती हैं।
उन्होंने कहा, आज दुनिया असाधारण चुनौतियों से लड़ रही है। इन चुनौतियों के लिए, स्थायी समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शों से आ सकते हैं। वे अतीत में प्रासंगिक थे। वे वर्तमान में प्रासंगिक हैं और वे भविष्य में प्रासंगिक बने रहेंगे।
बता दें कि, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) 4 जुलाई, 2020 को धर्म चक्र दिवस के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा मना रहा है।
यह दिवस उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट वर्तमान समय के सारनाथ में ऋषिपत्तन स्थित हिरण उद्यान में आज ही के दिन महात्मा बुद्ध द्वारा अपने प्रथम पांच तपस्वी शिष्यों को दिए गए ‘प्रथम उपदेश’ को ध्यान में रखकर मनाया जाता है।
यह दिन दुनिया भर के बौद्धों द्वारा धर्म चक्र प्रवर्तन या ‘धर्म के चक्र के घूमने’ के दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन बौद्धों और हिंदुओं दोनों ही के द्वारा अपने-अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है।