प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देशवासियों से कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से कहा कि इस रविवार पांच अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। उन्होंने देशवासियों से रविवार की रात के नौ मिनट मांगे हैं।हमारा देश कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पिछले नौ दिनों से लॉकडाउन में है। 21 दिनों का यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा। इसी बीच दो अप्रैल की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बताया था कि वो तीन अप्रैल की सुबह नौ बजे देश को वीडियो के जरिये संबोधित करेंगे।
तीन अप्रैल को उन्होंने अपने संदेश में देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के अंधकार को प्रकाश की ताकत से हराने की आवश्यकता है। उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच अप्रैल की रात नौ बजे सभी लोग घर की सभी लाइटें बंद करेंगे और चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का एहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है, “उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्।” यानि, हमारे उत्साह, हमारी आत्मा से बड़ी ताकत दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देशवासियों से कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से कहा कि इस रविवार पांच अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। उन्होंने देशवासियों से रविवार की रात के नौ मिनट मांगे हैं।
पीएम ने देशवासियों से कहा कि अपने घर की सभी लाइटें बंद करके घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती दीया टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं और उस समय घर की सभी लाइटें बंद करें।
उन्होंने साथ ही देशवासियों से निवेदन करते हुए कहा कि मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है।
जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है
प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव दोनों का परिचय दिया है वो अभूतपूर्व है। शासन प्रशासन और जनता ने इस स्थिति को अच्छे ढंग से संभालने का पूरा प्रयास किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए।
सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा को लांघना नहीं है प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है, जो इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, हमारे गरीब भाई-बहन उन्हें कोरोना संकट से पैदा हुई निराशा से आशा की तरफ ले जाना है।
इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है।
पीएम मोदी ने एक बार फिर से लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। किसी भी हालत में इसे तोड़ना नहीं है, क्योंकि कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।