प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया गया था। जिसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों का ये अभियान प्रवासी श्रमिकों की मदद करेगा। इसका उद्देश्य कोरोना संकटकाल में ग्रामीण भारत में रोजगार बनाए रखना है। 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को दो हिस्सों में बांटा गया है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च में लॉकडाउन लागू किया था। जिसने देश में लाखों लोगों की रोजी-रोटी छीन ली। अब बेरोजगारों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने मेगा प्लॉन तैयार किया है। जिसके तहत शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ की शुरूआत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा 6 राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।
During the lockdown, I interacted through video conference with labourers in different districts after they returned to Bihar. I felt that they don’t want to go to other states for work: Bihar CM Nitish Kumar during the launch of ‘Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan’ pic.twitter.com/Y2lp4FkoiQ
— ANI (@ANI) June 20, 2020
इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने गलवान में शहीद हुए सैनिकों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज जब मैं बिहार के लोगों से बात कर रहा हूं, तो मैं गौरव के साथ इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि बिहार रेजिमेंट के जवानों ने लद्दाख में पराक्रम दिखाया है। जिस वजह से हर बिहारी को इस पर गर्व है। जिन वीरों ने बलिदान दिया है उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मैंने बिहार के अलग-अलग जिलों में वापस आए मजदूरों से बात की थी। सभी का कहना था कि वो राज्य से बाहर नहीं जाना चाहते हैं, बस मजबूरी उन्हें खींच ले जाती है। अब इस योजना के शुरू होने से मजदूरों को दूसरे राज्य में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया गया था। जिसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों का ये अभियान प्रवासी श्रमिकों की मदद करेगा। इसका उद्देश्य कोरोना संकटकाल में ग्रामीण भारत में रोजगार बनाए रखना है। 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को दो हिस्सों में बांटा गया है। जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ रुपये गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को दिए जाएंगे। वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को तीन महीने तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम करने वालों को अब 182 रुपये के बदले 202 रुपये मिलेंगे, इससे उनकी आय में 2000 रुपये की बढ़ोतरी होगी। इस योजना के तहत तीन करोड़ गरीब वृद्धों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगों को एक-एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया गया है।
- सोचिए, अगर घर घर जाकर आपके जन धन खाते न खुलवाए गए होते, मोबाइल से इन खातों और आधार कार्ड को जोड़ा नहीं होता, तो ये कैसे हो पाता? पहले का समय तो आपको याद ही होगा।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई थी। इस योजना पर कुछ ही सप्ताह के भीतर करीब-करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए। इन तीन महीनों में 80 करोड़ गरीबों की थाली तक राशन-दाल पहुंचाने का काम हुआ है।
- आप श्रमेव जयते, श्रम की पूजा करने वाले लोग हैं, आपको काम चाहिए, रोजगार चाहिए। इस भावना को सर्वोपरि रखते हुए ही सरकार ने इस योजना को बनाया है, इस योजना को इतने कम समय में लागू किया है।
- सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि कोरोना महामारी के इस समय में, आपको गांवों में रहते हुए किसी से कर्ज न लेना पड़े, किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े। गरीब के स्वाभिमान को हम समझते हैं।
- यही नहीं, आप सभी श्रमिकों, आप सभी के हुनर की मैपिंग की भी शुरुआत की गई है। यानि कि, गांव में ही आपके हुनर की पेहचान की जाएगी, ताकि आपके कौशल के मुताबिक आपको काम मिल सके! आप जो काम करना जानते हैं, उस काम के लिए जरूरतमंद खुद आपके पास पहुंच सकेगा।
- जो हमारी बहनें हैं, उनको भी स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी जोड़ा जाएगा, ताकि वो अपने परिवार के लिए अतिरिक्त साधन जुटा सकें।
- देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब गांव में, शहरों से ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल हो रहा है। गांवों में इटंरनेट की स्पीड बढ़े, फाइबर केबल पहुंचे, इससे जुड़े कार्य भी होंगे।
- ये तो वो काम हैं जो गांव में होने ही चाहिए। लेकिन, इसके साथ-साथ इस अभियान के तहत आधुनिक सुविधाओं से भी गांवों को जोड़ा जाएगा। अब जैसे, शहरों की तरह ही गांव में भी हर घर में सस्ता और तेज इंटरनेट होना जरूरी है।
- इसके तहत अलग-अलग गांवों में कहीं गरीबों के लिए पक्के घर भी बनेंगे, कहीं वृक्षारोपण भी होगा, कहीं पशुओं को रखने के लिए शेड भी बनाए जाएंगे।
पीने के पानी के लिए, ग्राम सभाओं के सहयोग से जल जीवन मिशन को भी आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा - अब जैसे, खगड़िया के तेलिहार गांव में आज से आंगनबाड़ी भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी और कुआं बनाने का काम शुरू किया किया जा रहा है। इसी तरह हर गांव की अपनी-अपनी जरूरतें हैं।
- इन जरूरतों को अब गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के माध्यम से पूरा किया जाएगा
- ये 25 काम या प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जो गांव की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े हैं, जो गांव के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं।
- ये काम अपने ही गांव में रहते हुए, अपने परिवार के साथ रहते हुए ही किए जाएंगे।
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं! इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पेहचान की गई है।
- आप सोचिए, कितना टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है। देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी।
- सरकारी स्कूल में रहते हुए, इन श्रमिकों ने अपने हुनर से, स्कूल का ही कायाकल्प कर दिया। मेरे श्रमिक भाई-बहनों के इस काम ने, उनकी देशभक्ति ने, उनके कौशल ने, मुझे इस अभियान का आइडिया दिया, प्रेरणा दी।
- हमारा प्रयास है कि इस अभियान के जरिए श्रमिकों और कामगारों को घर के पास ही काम दिया जाए। अभी तक आप अपने हुनर और मेहनत से शहरों को आगे बढ़ा रहे थे, अब अपने गांव को, अपने इलाके को आगे बढ़ाएंगे।
- मेरे श्रमिक साथियों, देश आपकी भावनाओं को भी समझता है और आपकी जरूरतों को भी। आज खगड़िया से शुरू हो रहा गरीब कल्याण रोजगार अभियान इसी भावना, इसी जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा साधन है।
- आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज गरीब के कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है। ये अभियान समर्पित है हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए, हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों-बहनों-बेटियों के लिए।
- वैसे मुझे बताया गया है कि परसो से पटना में कोरोना टेस्टिंग के एक बड़ी आधुनिक टेस्टिंग मशीन भी काम शुरू करने वाली है। इस मशीन से करीब-करीब 1500 टेस्ट एक ही दिन में करने संभव होंगे।
- कोई पीठ थपथपाए या न थपथपाए, मैं आपकी जय-जयकार करता हूं। आपने अपने हजारों-लाखों लोगों को कोरोना से बचाने का पुण्य किया है। मैं आपको नमन करता हूं
- लेकिन इसमें भी ग्राउंड पर काम करने वाले हमारे साथी, ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी वर्कर, आशावर्कर्स, जीविका दीदी, इन सभी ने बहुत बेहतरीन काम किया है। ये सभी वाहवाही के पात्र हैं, प्रशंसा के पात्र हैं।
- इतनी बड़ी जनसंख्या का कोरोना का इतने साहस से मुकाबला करना, इतनी सफलता से मुकाबला करना, बहुत बड़ी बात है। इस सफलता के पीछे हमारे ग्रामीण भारत की जागरुकता ने काम किया है।
- ये जनसंख्या यूरोप के सारे देशों को मिला दें, तो भी उससे कहीं ज्यादा है। ये जनसंख्या, पूरे अमेरिका को मिला दें, रूस को मिला दें, ऑस्ट्रेलिया को मिला दें, तो भी उससे कहीं ज्यादा है।
- सोचिए, छह लाख से ज्यादा गांवों वाला हमारा देश, जिनमें भारत की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी, करीब-करीब 80-85 करोड़ लोग जहां रहते हैं, उस ग्रामीण भारत में कोरोना के संक्रमण को आपने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है।
- कोरोना का इतना बड़ा संकट, पूरी दुनिया जिसके सामने हिल गई, सहम गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे। भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है।
- इस दौरान जो जहां था वहां उसे मदद पहुंचाने की कोशिश की गई। हमने अपने श्रमिक भाई-बहनों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें भी चलाईं ! वाकई, आपसे बात करके आज आपकी ऊर्जा भी महसूस कर रहा हूं।
- मजदूरों से बात करने के बाद पीएम मोदी ने कहा, आज आप सभी से बात करके कुछ राहत भी मिली है और संतोष भी मिला है। जब कोरोना महामारी का संकट बढ़ना शुरू हुआ था, तो आप सभी, केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों की चिंताओं में बने हुए थे।
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत पीएम मोदी ने देश के दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों से बात की। पीएम मोदी ने दिल्ली से बिहार लौटी स्मिता कुमारी के विचारों को सुना और उनसे बातचीत की। पीएम मोदी ने हरियाणा से लौटे जर्नादन शर्मा से बातचीत की।