नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रेल महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के लिए रवाना हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान रेल सेवा देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। इससे खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में भंडारण की क्षमताओं का अभाव हमेशा से किसान के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। हमारी सरकार इन समस्याओं के निदान के लिए करोड़ों का निवेश तो कर ही रही है, किसान रेल जैसी सुविधा भी दे रही है। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को कम खर्च में बड़े से बड़ा बाजार देने के लिए हमारी नीयत भी साफ है और हमने बजट में भी इसकी घोषणा कर दी है।
उन्होंने कहा कि जब हम कहते हैं कि हमारी सरकार देश के किसानों की पहुंच को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक बढ़ा रही है, तो हम ये बात हवा में नहीं कहते हैं बल्कि ये जमीन पर हो रहा है। कुछ ही दिनों में ऐसी रेल की मांग इतनी बढ़ गई कि सप्ताह में तीन दिन ये रेल चलानी पड़ती है। इतने कम समय में 24 किसान रेल चलाना आसान काम नहीं है बल्कि साफ संदेश है कि देश का किसान क्या चाहता है। ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये इसका भी प्रमाण है कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं। किसान दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बहुत भूमिका है। मुझे यकीन है कि पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को उड़ान का लाभ मिलने लगा है। किसान रेल के किसान को कैसे फायदा हो रहा है। किसान रेल में सरकार 50 फीसदी छूट भी दे रही है, इसका भी किसानों को लाभ हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान ट्रेन एक तरह से चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है। इसमें फल, सब्जी, दूध, मछली और जल्दी खराब होने वाली बाकी चीजें पूरी सुरक्षा के साथ पहुंच रही हैं। पहले यही सामान किसान को सड़क मार्ग के माध्यम से ट्रकों से भेजना पड़ता था, जिसमें कई समस्याएं हैं। इसमें समय बहुत लगता है, किराया ज्यादा लगता है। गांव में उगाने वाला हो या शहर में खाने वाला, दोनों के लिए यह महंगा पड़ता है।
उन्होंने कहा, यह किसान रेल पश्चिम बंगाल के लाखों छोटे किसानों को बहुत फायदा पहुंचाएगी। इस रेल के माध्यम से उन्हें एक बहुत बड़ा विकल्प मिला है और ये विकल्प किसान के साथ ही स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है। वो किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के जरिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं। कृषि से जुड़े एक्सपर्ट्स और दुनिया भर के अनुभवों और नई टेक्नॉलॉजी का भारतीय कृषि में समावेश किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गांवों में रोजगार पैदा करने के लिए, किसानों को बेहतर जीवन देने के नई सुविधाएं, नए समाधान देना बहुत जरूरी है। उपज का भंडारण हो या फसल का उत्पादन, सभी को बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को सुविधाएं देने के लिए रेलवे स्टेशनों के पास पेरिशेबल कारगो सेंटर बनाए जा रहे हैं। स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर खेती उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता हैं
पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े छह हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अगर सरकार देशवासियों की छोटी-छोटी जरूरतें भी पूरी कर पा रही है तो इसका कारण सहभागिता है। कृषि से जुड़ी सभी सुधारों के पीछे किसानों की सहभागिता है।