13.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

पाक पर मोदी का पलट-पैंतरा

narendra modiहम भारत के लोग, अपना भारत राष्ट्र-राज्य क्या वह मिजाज, वह कौमी जुनून लिए हुए।  जिससे हम पाकिस्तान में यह चिंता पैदा कर देंगे कि वह क्या कश्मीर को आजाद कराएगा, हम बलूचिस्तान को आजाद करा देंगे। सिंध के अलगाववादियों में हवा भर देंगे! यों भारत एक दफा पाकिस्तान तोड़ चुका है।

पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश बनवा चुका है। मगर तब और अब में दिन-रात का फर्क है। वह वक्त एटमी हथियारों से पहले का था। दुनिया दो खांचों में बंटी हुई थी। याहया खा की बेवकूफियों और बांग्ला उपराष्ट्रीयता के विस्फोट से तब जैसी जो स्थितियां बनी उसमें इंदिरा गांधी और रामनाथ काव (रा प्रमुख) को सिर्फ मौका लपकना था। उसे उन्होंने बखूबी, मजबूती से लपका। तभी इंदिरा गांधी आजाद भारत राष्ट्र-राज्य के इतिहास की शक्ति पीठ बनी। क्या वैसे शक्ति अधिष्ठाता नरेंद्र मोदी बन सकते हैं?

लालकिले से बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर का हुंकारा लगा कर नरेंद्र मोदी ने इस्लामाबाद को मैसेज दिया है कि ‘वॉर ऑफ नर्व’ के खेल में उन्हें फिसलने, चूकने वाला न माना जाए। हां, अपना मानना है और यह मैं पहले लिख चुका हूं कि जिस दिन जम्मू-कश्मीर की सत्ता में भाजपा की साझेदारी हुई तभी से कश्मीर घाटी के उग्रवादी और उनके सीमा पार के आंकाओं में यह बैचेनी बनी कि यह कैसे हुआ जो हिंदू हक की बात करने वाली भाजपा श्रीनगर में राज करे।

यह बात नेशनल कांफ्रेस याकि उमर अब्दुला को खटकी तो कांग्रेस के नेताओं को भी नहीं रास आई। वैसे घाटी के उग्रवादी, अलगाववादी तभी से सुलगे हुए हंै जब नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री कश्मीर के दौरे किए। श्रीनगर में रैली की। वहां दिपावली का दिन गुजारा।

कोई आश्चर्य नहीं जो पिछले दो सालों में जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम बहुल इलाकों में इस्लामी स्टेट के आईएसआईएस के झंडों से लेकर, मुफ्ती मोहम्मद के जनाजे में लोगों के न जाने से ले कर जिहाद के लिए बुरहान वानी की महिमामंडन की एक के बाद एक घटनाएं हुई। सबका मकसद ‘वॉर ऑफ नर्व’ का वह वक्त ला देना था जिससे भारत सरकार के हाथ-पांव फूले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा तौबा कर जाए। सचमुच बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में जैसे हालात बनाए गए और फिर जैसी बहस हुई उसका कोर बिंदु यह था कि आर या पार मतलब ‘वॉर आफ नर्व’ की घड़ी आ गई है। मोदी सरकार झुके।

शायद इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सलाहकारों ने समझा। तभी राजनाथसिंह, सुषमा स्वराज और नरेंद्र मोदी सभी ने ऐसी बातें की जिससे बहस ही बदल गई। देश-दुनिया अब इस चर्चा में है कि पाकिस्तान कब्जे वाले पीओके और बलूचिस्तान को ले कर भारत क्या कर सकता है?

बहस और चिंता क्या थी और अब क्या है? तभी आज उमर अब्दुला ने भन्नाते हुए टिप्प्णी की है। दरअसल जम्म-कश्मीर के अलगाववादियों से ले कर पाकिस्तान के नेताओं में गलतफहमी थी कि बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में जो माहौल है उससे आर-पार याकि वॉर आफ नर्व वाला ऐसा चौतरफा दबाव बनेगा जिसमें इंसानियत, कश्मीरियत, मानवता के हवाले नरेंद्र मोदी फिसले। वह झुकेगी। पाक से, हुर्रियत नेताओं से बात करने लगेगी।

मगर उलटा हुआ। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने बलूचिस्तान और पीओके में मानवाधिकारों के हनन पर चिंता जताई। बैठक में सर्वदलीय प्रतिनिधीमंडल का जो सुझाव था वह अनसुना हुआ। 14-15 अगस्त को घाटी में कड़े सुरक्षा प्रबंध हुए। 15 अगस्त की सुबह घाटी के अलगाववादियों ने भी सुना और पाकिस्तान के हुक्मरानों ने भी सुना कि नरेंद्र मोदी तो अब बलूचिस्तान, पीओके की चिंता करने लगे हैं।

सो क्या माना जाए कि भारत सरकार, भारत राष्ट्र-राज्य अब बलूचिस्तान व पाक अधिकृत कश्मीर को ले कर वैसा ही जुनूनी हुआ है जैसे पाकिस्तान पिछले 70 सालों से कश्मीर को ले कर है? यह हकीकत है कि पूरे पाकिस्तान ने, उसके हर ब्रांड ने कश्मीर को 70 साल से मिशन बनाया हुआ है।

जिन्ना से ले कर अयूब, याहया, मुशर्रफ, जिया उल हक और जुल्फीकार भुट्टो, बेनजीर, नवाज शरीफ और सेना या नौकरशाही या खुफिया एजेंसी आईएसआई सबने कश्मीर को मिशन बनाए रखा। 14 अगस्त 1947 के दिन पाकिस्तान बना तो उसका मिशन स्टेटमेंट था कि भारत के भूगोल को बिगाड़ना ही उसका इतिहास और वर्तमान है।

यही मकसद है। जिस इतिहास ने पाकिस्तान बनाया उसी में पाकिस्तान ने भारत के भूगोल को बिगाड़ने का लक्ष्य बना रखा है। इसे समझने के बजाय भारत के नेताओं की गलतफहमी रही कि पड़ौस के भूगौल में, उसके पड़ौस धर्म से पाकिस्तान को उसके मिशन और इतिहास से भटका सकते हैं। अमन के कबूतर उड़ा सकते हैं। पाकिस्तान राष्ट्र-राज्य और पाकिस्तानी कौम के जुनून, लक्ष्य की एक ही तासीर है और वह भारत को तोड़ने, उसे बरबाद करने की है। याद करें जुल्फीकार भुट्टों के उस मिशन स्टेटमेंट को कि भारत से हजार लड़ते रहेंगे।

पर भारत को लड़ना नहीं है। इसलिए कि लड़ना भारत राष्ट्र-राज्य और हम लोगों की तासीर नहीं है। तभी आज लाख टके का सवाल है कि पाकिस्तान को औकात बताने, उसका ध्यान कश्मीर से हटवाने के लिए भारत किस सीमा तक बलूचिस्तान, सिंध या पीओके पर फोकस बना सकता है? क्या भारत में सर्वमान्यता से ऐसा कोई संकल्प बन सकता है?

यह असंभव है। भारत में शासक कभी कबूतर उड़ाने और कभी खाली लाल-पीने होने वाले हुए है। पीवी नरसिंहराव ने सिंध, बलूचिस्तान से पाकिस्तान की नाक में दम किया था लेकिन आईके गुजराल प्रधानमंत्री बने तो एजेंसियों को कह दिया पाकिस्तान में कुछ नहीं करें।

नेहरू ने कबूतर उड़ाए तो मोरारजी ने भी उड़ाए और वाजपेयी तो लाहौर जा कर उड़ा आए। तभी मोदी सरकार की अब यह जरूरत यह है कि वह अपने तंत्र और हम नागरिकों के मिजाज को मांपते हुए तय करें कि क्या बलूचिस्तान याकि पाकिस्तान को घेरने का मिशन स्टेटमेंट व्यवहारिक है? कब तक हम इस पर टिके रह सकते है?

लेखक:-@ वेदप्रताप वैदिक






Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...