PNB स्कैम मामले में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबाआई सूत्रों के मुताबिक हिरासत में लिए गए बैंक कर्मचारियों ने बताया कि नीरव मोदी टीम की पहुंच बैंक के कंप्यूटर सिस्टमों तक थी। यही नहीं उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारियों ने नीरव मोदी टीम को सिस्टमों के पासवर्ड तक दिए हुए थे।
सूत्रों का कहना है कि अभी पूछताछ जारी है और अभी कई अन्य बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। बता दें कि शनिवार को सीबीआई ने बैंक के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें पीएनबी बैंक के एक पूर्व डिप्टी मैनेजर भी शामिल हैं। इनमें सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरात और नीरव मोदी के अकाउंटेंट हेमंत भट्ट शामिल हैं। इन्हें सीबीआई ने 14 दिन की कस्टडी में रखा है।
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार बैंक के अधिकारियों ने बताया कि मोदी टीम के पास बैंक अधिकारियों के सिस्टम के पार्सवर्ड तक थे। जिनके पास यह पासवर्ड थे उममें पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी भी शामिल हैं। ये लोग घर बैठे स्विफ्ट सिस्टम लोगिन कर सकते थे। ऐसा करके यह काफी समय से धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। यही नहीं इसके लिए इन सबका कमीशन तय था। इन्हें प्रत्येक एलओयू पर भी कमीशन मिलता था।
इस महाघोटाले में नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी की भी भूमिका बताई जा रही है
बता दें कि इस महाघोटाले में नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी की भी भूमिका बताई जा रही है। चर्चा है कि इस महाघोटाले में हनी ट्रैप का भी इस्तेमाल किया गया है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इतने बड़े बैंक घोटाले में नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी ने पीएनबी के अधिकारियों से अवैध काम कराने के लिए हनी ट्रैप का इस्तेमाल किया।
अधिकारियों को कथित तौर पर हुस्न के जाल में फंसाया। लड़कियां सप्लाई के लिए तीन मॉडल की सेवा लिए जाने की बात सामने आई है। पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी पीएनबी की ब्रीचकैंडी शाखा के उपप्रबंधक थे।
सीबीआई ने सबसे पहले शेट्टी को धर दबोचा। उससे पहले शुक्रवार शाम को ही सीबीआई शेट्टी के पश्चिमी उपनगर में मलाड स्थित उसके घर की छानबीन भी की थी। भाजपा का दावा है कि यह घोटाला साल 2011 से शुरू हुआ लेकिन सीबीआई ने एफआईआर में घोटाले का कार्यकाल साल 2017-2018 यानि एनडीए के कार्यकाल में होने का जिक्र किया है। इस एफआईआर से बीजेपी का दावा फेल होता दिखाई दे रहा है।
शेयर बाजार में आईपीओ लाने वाले थे नीरव और मेहुल चौकसी
नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी आईपीओ लाने की फिराक में थे लेकिन, इससे पहले उनके घोटाले का भंडाफोड़ हो गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी ने पिछले साल आईपीओ के लिए बैंकर्स की नियुक्ति की थी और गीतांजलि जेम्स के नक्षत्र वर्ल्ड को आईपीयू के लिए पिछले साल नवंबर में बाजार नियामक आयोग सेबी से हरी झंडी भी मिल गई थी। अगर आईपीओ लाने के बाद यह घोटाला उजागर होता तो निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता।