नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ रुपए के महाघोटाले के तीन आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें मुख्य आरोपी पूर्व डिप्पी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी भी शामिल है। इन तीनों आरोपियों को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया।
गिरफ्तार किए गए दो अन्य आरोपियों के नाम हैं हेमंत भट्ट और मनोर खरात। इस बीच, नीरव मोदी और अन्य आरोपियों को लेकर भी कार्रवाई तेज कर दी गई है।
इस बीच, मामले में दूसरी एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है। इससे पता चलता है कि यूपीए की सरकार के रहते घोटाला शुरू हुआ था और एनडीए के शासनकाल में यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। कुछ लोगों का कहना है कि यूपीए की सरकार के समय नीरव मोदी के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए गए, तो एनडीए पर भी इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं।
3 Punjab National Bank officials arrested by CBI today produced before Special CBI Court in Mumbai #PNBFraudCase pic.twitter.com/UVaLVe7B7d
— ANI (@ANI) February 17, 2018
दूसरी एफआईआर में खुलासा हुआ है कि एनडीए के शासनकाल में साल 2017-18 में करीब 5000 करोड़ का घोटाला हुआ। इस मामले में 4 एजेंसियां कार्रवाई कर रही है। विदेश मंत्रालय ने नीरव और मेहुल के पासपोर्ट 4 हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिए हैं।
दूसरी एफआईआर में खुलासा हुआ है कि नीरव मोदी को ज्यादातर एलओयू साल 2017 में जारी किए गए। इस एफआईआर में कई और बैकों के नाम है। इन बैंकों ने पीएनबी के कहने पर नीरव मोदी को मॉरिशस, बहरीन, हांगकांग, फ्रैंकफर्ट जैसे देशों में करोड़ों की रकम दी गई ।
इस मामले में इलाहाबाद बैंक के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर रह चुके दिनेश दुबे का कहना है कि घोटाला तो पिछली यूपीए सरकार के वक्त से जारी है, जो एनडीए के समय में 10 से 50 गुना बढ़ गया। 2013 में वित्त सचिव ने आरबीआई को डिसेन्ट नोट भेजकर लोन देने का दबाव बनाया था।
इस दौरान नीरव मोदी के यहां पर मारे गए छापों में 5649 करोड़ रुपए के हीरे-जवाहरात और सोना जब्त किया गया है। नीरव मोदी के देश छोड़कर भागने की खबरों के बीच सरकार का कहना है कि वह जहां भी है भागकर नहीं जा पाएगा। सूत्रों के मुताबिक वह इस समय अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क की एक होटल में ठहरा हुआ है। होटल में एक सुइट 90 दिन के लिए बुक किया गया है।