POSCO एक्ट के कानून में किये गए बदलाव के बाद अब केंद्र सरकार नाबालिगों के साथ किये गए रेप की सजा पर एक बार फिर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक नाबालिगों से रेप करने वाले आरोपियों को नपुंसक बनाए जाने की सजा के लिए PMO ने मंत्रालय को एक याचिका भेजी है।
यह याचिका पीएमओ को सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों द्वारा दी गई थी जिसे अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही पीएमओ द्वारा मंत्रालय को याचिका पर उचित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये गए हैं।
ये है लिखा याचिका में
महिला वकीलों द्वारा पीएमओ को भेजी गई इस याचिका में नाबालिग से रेप के दोषियों को फांसी की सजा देने के साथ ही रसायनिक तौर पर नपुंसक बनाए जाने की सजा की मांग की गई है। इसमें लिखा है कि ‘नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले रेप और यौन शोषण में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है जिसके कारण जरूरी है कि इस मामले में उचित कानून बनाया जाए।’
इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि ‘क्योंकि कोई भी कानून बनाना विधायिका के अधिकार क्षेत्र का हिस्सा होता है इसलिए हम प्रार्थना करते हैं कि नाबालिगों के साथ किये जाने वाले रेप की सजा में नपुंसक बनाए जाने का कानून भी जोड़ दिया जाए।’
ये हुआ था पॉक्सो एक्ट में बदलाव
कुछ समय पहले सामने आए कठुआ गैंगरेप और उन्नाव रेप मामले ने पूरे देश के लोगों को आक्रोश से भर दिया था। इन केस के खिलाफ देश में उठे विरोध प्रदर्शन के बाद पोक्सो एक्ट में बदलाव करते हुए नाबालिग से रेप करने वाले आरोपी को फांसी की सजा देने का प्रावधान बनाया गया था।
अगर हम नाबालिगों के साथ होने वाले यौन शोषण और रेप केस के आंकड़ों की बात करें तो साल 2016 के मुकाबले साल 2017 में इन अपरोधों में 82 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। – एजेंसी