इलाहाबाद – दंगों और बलवों में धर्म और सम्प्रदायों की भूमिका को लेकर शासन और प्रशासन की मानसिकता का दायरा इतना संकीर्ण हो चुका है कि वो अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को भी हिंदू और मुस्लिम के खांचे में रखकर देखते हैं।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में ऐसा ही कुछ वाकया देखने को मिला है, जहां पुलिस द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल में दंगाइयों के हाथों में भगवा झंडे थमा दिए गए। अब इस घटना को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है, और पुलिस की इस कार्रवाई के पीछे की सोच पर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं।
हालांकि इस पूरी मॉकड्रिल ने पुलिस प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी। इस पूरी मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस वालों और उनके हथियारों की फिटनेस गायब ही रही। इनमें से कई पुलिस वाले तो राइफल भी नहीं चला सके।
गौरतलब है कि ऐसा ही एक मामला गुजरात में तब सामने आया था, जब सूरत जिले की पुलिस ने आतंकवाद विरोधी एक मॉक ड्रिल के दौरान नकली आतंकवादी बनाए गए लोगों के सिर पर एक धर्म विशेष से जुड़ी टोपी पहना दी, और इससे काफी बड़ा विवाद पैदा हो गया था।