मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने माना है कि मंदसौर में मारे गए पांच किसानों की जान पुलिस की गोली से गई है। इससे पहले सिंह ने किसानों के पुलिस की गोलीबारी में मारे जाने से इनकार किया था। गुरुवार को सिंह ने कहा, “पांच किसानों की मौत पुलिस की गोलीबारी की वजह से हुई है। जांच से इसकी पुष्टि हुई है।” मंगलवार (छह जून) को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने से जुड़ी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के हिंसक हो जाने के बाद पुलिस ने गोली चला दी थी। गोलीबारी में पांच किसान मारे गए थे। मंदसौर के डीएम स्वतंत्र कुमार सिंह और एसपी ओपी त्रिपाठी का ट्रांसफर कर दिया गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार (आठ जून) को आंदोलनरत किसानों से मिलने मंदसौर पहुंच रहे हैं।
जिला प्रशासन ने मंदसौर में हालात बिगड़ने के बाद पूरे जिले में धारा 144 लगा दी है। विरोध प्रदर्शन की आंच आसपास के जिलों में फैलने की आशंका के चलते प्रशासन ने मंदसौर के अलावा नीमच और रतलाम जिलों में मोबाइट इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है। एसपी ओपी त्रिपाठी के अनुसार पुलिस ने 62 लोगों को हिरासत में लिया है।
हिंसा भड़कने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीटर पर शांति अपील की है। मंदसौर में किसानों के मारे जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठक की। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंदसौर में हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र से रैपिड एक्शन फोर्स (आएएफ) के 600 जवान मंदसौर भेजे हैं। आरएएफ के 500 और जवान मंदसौर पहुंचने वाले हैं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किसानों की मौत के बाद सीएम शिवराज सिंह से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही जनता दल (यूनाइटेड) के नेता शरद यादव भी मंदसौर जा रहे हैं। राहुल और शरद मंदसौर में मारे गए किसानों के परिजनों से भी मिलेंगे।