मुंबई- सान्ताक्रुज़ पूर्व वाकोला पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाले एक पत्रकार के विरुद्ध 16/5/ 2013 में वाकोला पोलिस थाने के पूर्व व. पो. नि. राजेन्द्र परदेसी अलावा और पांच पुलिस अधिकारीयों ने मिलकर भवरलाल जैन के कहने पर एक मामला दर्ज किया था और अब वो मामला अदालत में विचाराधीन है।
वहीँ जब एक पत्रकार के द्वारा वाकोला पुलिस विभाग से उसके विरुद्ध दर्ज किए मामले से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने के लिए आर टी आई से सूचना मांगी गई तो आज तक पुलिस विभाग की तरफ़ से कोइ सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई है। जबकि द्वितीय अपिल में सूचना आयुक्त ने आदेश दिया गया है कि जवाब शर्मा के सुपुर्द किया जाए प्रथम अपिल की सुनवाई होने के बाद पुलिस उप आयुक्त मिश्रा के आदेशों के बाद भी जवाब देने से कतराते हुए दिखे।
वाकोला पुलिसकर्मी पत्रकार ने उन दस्तावेजों की मांग की है जो आज वाकोला पोलिस थाने से गायब हैं। लॉकअप डायरी, रिमांड डायरी, सूचना आयुक्त ने एक बार पुनः आदेश दिया है कि शर्मा को उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेज दिए जाए। वाकोला के सिनियर पी आय के नाम एक पत्र एसीपी गव्हाने ने लिखित दिया है।
अब सवाल यह पैदा होता है कि कहाँ गए वो दस्तावेज ओर किसे बचा रही है पुलिस ? पत्रकार ने मुम्बई पुलिस आयुक्त को 25 मई 2016 एक पत्र लिखकर इस मामले में मामला दर्ज करने की मांग की है। इस पत्र को आयुक्तालय ने पुलिस उप आयुक्त मिश्रा के पास 1 जून 2016 को भेज दिया है वहीं जब वाकोला व. पु. नि. से बात की गई तो उन्होने बताया कि जाँच शुरू कर कुछ पुलिस कर्मियों को मेमो दिए गए हैं। लेकिन मामला दर्ज होना इतना आसान नहीं है। अब देखना है कि आयुक्त के आदेश का किस तरह से पालन होता है ?
रिपोर्ट- @अजय शर्मा