दो घंटे तक अमरुताहल्ली पुलिस स्टेशन से कहीं और लेकर जा रही है। सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं पता हमें कहा ले जाया जा रहा है। मुझे मेरे विधायकों से मिलने दिया जाना चाहिए। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे।’भोपाल:मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बंगलूरू के रामदा होटल के पास बागी विधायकों से मिलने को लेकर धरने पर बैठ गए। जहां से पुलिस ने उन्हें हटाया और थाने लेकर चली गई। उन्हें बंगलूरू पुलिस ने एहतियातन हिरासत में लिया हुआ है। जहां वे भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनके साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया मौजूद हैं। वहीं आज उच्चतम न्यायालय भाजपा की बहुमत परीक्षण कराने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी। माना जा रहा है कि अदालत कोई अहम फैसला दे सकती है।
दो घंटे तक अमरुताहल्ली पुलिस स्टेशन से कहीं और लेकर जा रही है। सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं पता हमें कहा ले जाया जा रहा है। मुझे मेरे विधायकों से मिलने दिया जाना चाहिए। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे।’
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह हमारी पार्टी के विधायकों से मिलने आए हैं। एक विधायक ने उनसे फोन के जरिए संपर्क करके उसे मुक्त कराने का अनुरोध किया। पुलिस के पास उन्हें रोकने का कोई अधिकार नहीं है। वे उच्च अधिकारियों से अनुरोध करना चाहते हैं क्योंकि ये लोग मुख्यमंत्री के निर्देशों पर काम कर रहे हैं।’
बंगलूरू पुलिस दिग्विजय को अमरुतहल्ली पुलिस स्टेशन लेकर पहुंची है। जहां उन्हें एहतियातन पुलिस हिरासत में रखा गया है। सिंह का कहना है कि वह अब भूख हड़ताल पर हैं। वह रामादा होटल के पास विधायकों से मिलने के लिए धरने पर बैठे हुए थे। जहां से पुलिस ने उन्हे हटा दिया है।
कर्नाटक कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार ने कहा, ‘राज्य की भाजपा सरकार शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। हमारी अपनी राजनीतिक रणनीति है। हमें पता है कि इस परिस्थिति को कैसे संभालना है। वह यहां अकेले नहीं हैं। मैं यहां हूं। मुझे पता है कि उनका साथ कैसे देना है, लेकिन मैं कर्नाटक में कानून व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं चाहता।’
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पुलिस हमें अपने विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्यप्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं। 26 मार्च को मतदान होना है। मेरे विधायकों को यहां रखा गया है। वे मुझसे बात करना चाहते हैं, उनके फोन छीन लिए गए हैं। पुलिस मुझे यह बोलने नहीं दे रही है कि विधायकों के लिए सुरक्षा का खतरा है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई में कांग्रेस, मप्र सरकार, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस पर चौहान के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, यह लोकतंत्र का उपहास उड़ाने का जीता-जागता उदाहरण है। जानकारी के बावजूद दूसरा पक्ष उपस्थित नहीं है।
इस पर पीठ ने कहा, हमें पहले नोटिस देना होगा। इस पर रोहतगी ने कहा, दूसरा पक्ष देरी ही चाहता है। हालांकि पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और सीएम कमलनाथ सहित अन्य को जवाब देने का निर्देश दिया। अब इसपर बुधवार सुबह 10:30 बजे इस पर सुनवाई होगी।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को बंगलूरू में मौजूद बागी कांग्रेसी विधायकों ने मीडिया से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। हम भोपाल लौटने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें केंद्रीय सुरक्षा दी जाए।
वहीं भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इसपर अभी विचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने ऊपर भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने पर कहा कि वह अपनी मर्जी से आए हैं। बागी विधायकों ने कहा, ‘हमें मजबूरी में साथ छोड़ना पड़ा। हम बंधक नहीं हैं, अपनी इच्छा से यहां आए हैं।