फतेहपुर- उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव की सरगर्मी सर चढ़ कर लगभग – लगभग बोलने लगी है, उसी के दरमियान भाजपा के नेता दया शंकर सिंह का अमर्यादित बयान व बयान पर बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती की प्रतिक्रिया व बसपा के कार्यकर्ताओं की खुले मंच से भाजपा नेता की मां – बहन – बेटी को गालियाँ व एफ आई आर उस पर भाजपा नेता की पत्नि स्वाति सिंह की तरफ से बसपाइयों पर एफ आई आर व मां – बहनों व बेटियों के सम्मान की बातों ने चुनावी गणितों को कुछ अलग सा कर दिया है | ऐसे में सवाल ये उठता है कि राजनीति में क्या अब मां – बहन – बेटी की मर्यादा भी तार – तार की जायेंगी या खुले मंच से संविधानिक शब्दों को भुलाकर असंवैधानिक बयानबाजियों की खुली छूट मिलती रहेगी ?
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मां – बहन – बेटी किसी की भी हों सम्मान सबका होता रहा है और होना चाहिए ही लेकिन इस चुनावी परिवेश में नेताओं की मां – बहन – बेटियाँ अब शायद ही सुरक्षित रहें, ये सारी फिल्म पब्लिक ने स्वतः अपने आखों से चश्मदीद बनके देखा है, इस स्थिति में केंद्र व राज्य सरकार मौन बनकर तमाशबीन बनी हुयी हैं | सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग अपने आप को पाक साफ़ व संविधान को मानने वाले बताते फिर रहे हैं चाहे वो केन्द्र सरकार के जिम्मेदार हों या फिर राज्य सरकार के जिम्मेदार लीडरान हों, इस सियासतदां को किसी साहित्यिक या सांस्कृतिक कार्यक्रमों में समाज व संविधान की दुहाई देखते ही देखा जाता है उसके बाद इन्ही भाषण देने वालों के काले कारनामे अख़बारों या समाचार चैनलों की सुर्ख़ियों में दिखाई देता है, ऐसे हैं देश व प्रदेश के जिम्मेदार | हाल में जो भी हुआ जनता से कुछ छिपा नहीं है इसका नतीजा जो भी आगामी विधान सभा के चुनावों में जरुर देखने को मिलेगा |
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इस मुद्दे पर तेज़ न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने क्षेत्र में सभी दलों के नेताओं या नेताओं के अधिकृत व्यक्ति व क्षेत्रीय जनता से राय जानी है, जिसके कुछ अंश इस प्रकार हैं –
“ भाजपा नेता के इस कृत्य से बहन जी ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है, इसके अलावा समाज की सभी मां – बहनों की अस्मिता पर सवाल खडा किया है, इसमें सपा का भी दोगला चेहरा उजागर हुआ है, इतना ही नहीं सपा और भाजपा मिलकर बसपाई नेताओं पर मामला दर्ज कराकर अपनी सामंतवादी सोंच को जनता के सामने लाने का काम किया है, इनके इस कुकर्म का जवाब प्रदेश की जनता बसपा के प्रत्याशियों को भारी बहुमत से जिताकर बहन जी को प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाकर अपने साथ हुए हर अन्याय का बदला न्याय के रूप में लेगी” – मो० मोहीउद्दीन (एड०), प्रतिनिधि, हुसैनगंज विधायक, बसपा
“भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह जी द्वारा गलत शब्दों के इस्तेमाल पर पार्टी हाईकमान ने जब उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया तो बसपाइयों तो इस बात को तूल देने की कोई जरुरत ही नहीं थी लेकिन इसके बाद भी बसपाइयों ने ऐसी ओछी हरकत की है जिसका कोई जवाब नहीं है इन लोगों को बहन जी दिखाई देती हैं लेकिन किसी और की मां – बहन – बेटी क्यूँ नहीं दिखाई देती है, प्रदेश की सपा सरकार भी बसपा का साथ देती नजर आ रही है” – अशोक सिंह, ब्लाक प्रमुख ऐरायां, भाजपा
“इस मामले से भाजपा और बसपा पार्टी की और पार्टी नेताओं की सोंच व मानसिकता सामने आ गयी है, इन दोनों दलों में मैनर नाम की चीज नहीं बची है इनके कार्यकर्ताओं द्वारा किसी की मां – बहन व बेटी की इज्जत का कोई मोल नहीं है, समाज आहट हुआ है सिर्फ सपा ही भयमुक्त समाज देती रही है और आगे भी भयमुक्त व अपराधमुक्त प्रदेश का संकल्प है” – यासिर सफीर, प्रतिनिधि, हुसैनगंज प्रत्याशी, सपा
“दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने गलत किया है, सभी की मां – बहन – बेटी की इज्जत करना हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है इस प्रकरण में जो भी हुआ है मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ, समाज की मां – बहनें इस कृत्य से आहत हुयी हैं, सरकार की चुप्पी बड़ा प्रश्न खड़ा करती है” – शीबू खान, समाजसेवी
रिपोर्ट- @सरवरे आलम