फैशन बार-बार अपने को दोहराता है। सत्तर के दशक में धूम मचा चुका पोलका डॉट आज फिर फैशन में लौट आया है। लेकिन यह अब कपड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जूते-चप्पलों, क्रॉकरी और पर्स यहां तक कि सजावट की चीजों पर भी पोलका डॉट देख सकते हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक इसके दीवाने हो चले हैं। इसके लिए अगर बॉलीवुड के लाड़ले अभिनेता शाहरुख खान को श्रेय दिया जाए तो यह गलत नहीं होगा, क्योंकि इस फैशन की शुरूआत भी फिल्म ‘डॉन’ आने के बाद हुई, जिसमें शाहरुख ने पोलका डॉट वाली कमीज और टाई पहनी थी। इसमें कोई दो राय नहीं कि फैशन के मामले में लोग मशहूर हस्तियों की देखादेखी करते हैं।
पोलका डॉट का फैशन पश्चिम में पहले से ही है। अलबत्ता भारत में वह दोबारा आया है। यहां युवतियां इस ट्रेंड की बखूबी अपना रही हैं। उन्हें अपने कपड़े, सेंडिल, पर्स और यहां तक कि बर्थ डे केक पर भी पोलका डॉट के डिजाइन चाहिए। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि उन्हें अपनी फार्मल ड्रेस पर भी यही ट्रेंड चाहिए। न सिर्फ युवतियां बल्कि युवक भी पोलका डॉट के दीवाने हैं। उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए कुछ कंपनियों जैसे पीटर इंग्लैंड और विवाल्डी ने भी पोलका डॉट वाली शर्ट निकाली है और यह पसंद भी की जा रही है। न सिर्फ कमीज बल्कि लाउंजवियर और स्लिम वियर पर भी यह हावी है।
अगर आप अपने डिजाइन से फैशन ट्रेंड के बारे में पूछेंगे तो उनका जवाब पोलका डॉट ही होगा काले पर सफेद डॉट और सफेद पर कई तरह के रंगों के डॉट फैशन में हैं। बहुत से लोग पुराने फैशन के दोबारा लौटने पर हाथों-हाथ अपना लेते हैं क्योंकि उन्हें फैशन के साथ चलना होता है।
ऐसे कई दुकानें मिल जाएंगी जहां ‘50 और 80’ के दशक के कपड़े रखे रहते हैं। लोग इसे सहजता से खरीद भी लेते हैं। इसकी वजह यह है कि लोगों में दूसरों को अलग दिखने की चाह होती है। यही कपड़े फैशन को वापस लाने में मदद करते हैं। कई डिजाइनर जैसे गौरव गुप्ता, गौरी और नयनिका करण का मानना है कि पुराना फैशन हमें 50 के दशक की मीठी यादें ताजा कर देता है। जहां तक फैशन की बात है तो यह रीट्रोचिक है। मतलब यह बार-बार वापस आता है और लोग इसे मजे से अपनाते हैं।
एक जमाने में जहां पोलका डॉट बच्चों के कपड़ों पर देखा जाता था, वहीं आज यह युवाओं की पहली पसंद है। पोलका डॉट न सिर्फ कपड़ों बल्कि मोजे और जूतों खासकर काउब्वॉय जूतों पर भी देखने को मिल रहे हैं। पुराना फैशन लौट कर आया तो है मगर नए अंदाज में।
इतिहास पर नजर डालें तो उन्नीसवीं शताब्दी में ब्रिटेन में पोलका संगीत काफी लोकप्रिय हुआ था और इस पोलका की शुरूआत भी वहीं से हुई थी। बाद में यही फैशन में भी आया। तीस और चालीस के दशक में यूरोप में और फिर सत्तर और अस्सी के दशक में यह दोबारा लौटा और फिर भारत में इस फैशन का प्रचलन हुआ। फिल्म ‘कुर्बानी’ को याद करें जिसमें अभिनेता जीनत अमान ने पोलका डॉट वाली बिकनी पहनी थी।
आजकल कई डिजाइनर इस फैशन को अपने विंटर कलेक्शन में शामिल कर रहे हैं। हमेशा वही स्ट्राप्इस, प्लेन और फ्लोरल प्रिंट से बोरियत होती है, पर पोलका डॉट के साथ किए गए प्रयोग में कपड़े ज्यादा अच्छे लगते हैं। ये छोटे पिन साइज डॉट से शुरू होकर बड़े डॉट में भी हो सकते हैं। ये कपड़े, पर्स, जूते और यहां तक कि बीड नेकलेस पर भी काफी फबते हैं।