पूजा भट्ट ने कहा कि ‘मतभेद देशभक्ति का सर्वश्रेष्ठ स्वरूप है। सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से हमें यह संदेश मिलता है कि अब आवाज उठाने का वक्त आ गया है। हमारी चुप्पी हमें नहीं बचाएगी और न ही सरकार की। सत्ता पक्ष ने वास्तव में हमें एकजुट किया है।’
नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में कई जगहों पर प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन की तर्ज पर मुंबई में भी महिलाएं आगे आई हैं। यहां ‘मुंबई बाग’ नाम से प्रदर्शन किया जा रहा है।
बॉलीवुड सितारे भी सीएए-एनआरसी को लेकर खुलकर सामने आए हैं। कुछ सितारे विरोध में हैं तो कुछ समर्थन कर रहे हैं। अब अभिनेत्री पूजा भट्ट ने इस पर अपनी राय रखी है।
पूजा भट्ट ने कहा कि ‘नेताओं से मेरी प्रार्थना है कि वो देश में उठ रही आवाजों को सुनें। देश में रह रहीं महिलाएं चाहे वो शाहीन बाग में हों या लखनऊ में, हम रुकेंगे नहीं, जब तक हम जोर-शोर से नहीं सुने जाते। मैं लोगों को अधिक बोलने के लिए प्रेरित करूंगी। मैं सीएए और एनआरसी का समर्थन नहीं करती क्योंकि यह मेरे घर को विभाजित करता है।’
पूजा भट्ट ने कहा कि ‘मतभेद देशभक्ति का सर्वश्रेष्ठ स्वरूप है। सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से हमें यह संदेश मिलता है कि अब आवाज उठाने का वक्त आ गया है। हमारी चुप्पी हमें नहीं बचाएगी और न ही सरकार की। सत्ता पक्ष ने वास्तव में हमें एकजुट किया है।’
पूजा भट्ट के अलावा नागरिकता कानून पर अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने भी हाल ही में अपना बयान दिया था।
नंदिता जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंची थीं और वहां उन्होंने नागरिकता कानून और शाहीन बाग पर कहा कि यह ऐसा कानून है जिसके जरिए आपसे भारतीय होने का सबूत मांगा जा रहा है।
नंदिता दास ने सीएए और एनआरसी पर अपनी बात रखते हुए कहा कि ‘यह बिखराव वाला कानून है। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि लोगों को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। जो लोग चार पीढ़ियों से यहां हैं, आप उन्हें बता रहे हैं कि यह आपका देश नहीं है, यह बहुत परेशान करने वाला है। मेरा मानना है कि सभी को इस पर बोलना चाहिए। लोग बोल रहे हैं और सभी जगह विरोध हो रहा है।’
नंदिता दास के अलावा अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, स्वरा भास्कर और तापसी पन्नू समेत कई बॉलीवुड सितारों ने विरोध में अपनी बात कही है।