लखनऊ- उत्तर प्रदेश में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के तहत अब गरीब परिवार के बच्चे कान्वेंट स्कूल में एलकेजी से ही पढ़ सकेंगे। नए सत्र में नामांकन के लिए आवेदन करने की समयसीमा भी खत्म कर दी गई है। अब नामांकन के लिए नए सत्र में पढ़ाई शुरू होने के बाद चार माह तक बीएसए कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए शासन ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नया शासनादेश जारी कर दिया है।
एक विज्ञप्ति में शासन ने कहा है कि परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक से पूर्व कोई कक्षा नहीं होती है। ऐसे में अगर अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के अभिभावक अपने बच्चे को पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश चाहते हैं तो बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों को आसपास के ऐसे में विद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित कराएंगे, जहां पूर्व प्राथमिक कक्षाएं चलती हों तथा वे विद्यालय सामान्यत: अन्य का भी दखिला पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में लेते हों।
इसके लिए अभिभावक या माता-पिता को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा। बच्चों की पढ़ाई कक्षा 8 तक सुनिश्चित की जाएगी। सरकार की तरफ से विद्यालय को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रतिमाह प्रति छात्र 450 रुपये दिए जाते हैं।
अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक दृष्टि से पिछड़ा वर्ग, एचआईवी पीड़ित, कैंसर पीड़ित और बेघर बच्चों को तथा दुर्बल वर्ग के बच्चे (जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम हो) बीएसए कार्यालय में आवेदन कर कान्वेंट स्कूलों में पढ़ सकते हैं।