हमारे देश की जनसंख्या सवा सौ करोड़ से ज्यादा है। इसमें करीब 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करते हैं। इनमें से शेड्यूल ट्राइब (एसटी) के 45.3% और शेड्यूल कास्ट (एससी) 31.5% के लोग इस रेखा के नीचे आते हैं।
इसकी जानकारी सरकार के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह लोकसभा में दी। मंत्री ने बताया कि वर्ष 2011-12 के आंकड़े के मुताबिक देश में करीब 27 करोड़ लोग (21.92%) गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। शेड्यूल ट्राइब के 45.3% और शेड्यूल कास्ट के 31.5% लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की जिंदगी में सुधार और गरीबी खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इससे पहले हाल ही में लोकसभा में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जानकारी दी थी कि देश में स्कूली शिक्षा बीच में ही छोड़ने (ड्रॉप आउट) वाले बच्चों में शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइब और मुस्लिम समुदायों के छात्रों की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने जिला शिक्षा सूचना प्रणाली के अनुसार बताया कि मुस्लिम और शेड्यूल कास्ट/शेड्यूल ट्राइब के विद्यार्थियों का ड्रॉप आउट देश के औसत ड्रॉप आउट से अधिक है। इसके बारे में मंत्री ने आंकड़ा भी पेश किया।
इस आंकड़े के अनुसार प्राथमिक स्तर पर देश के सभी वर्गों के बच्चों का औसत ड्रॉप आउट दर 4.13% है तो शेड्यूल कास्ट का 4.46, शेड्यूल ट्राइब का 6.93% और मुस्लिम समुदाय का 6.54% था। इसी तरह हाई स्कूल में सभी श्रेणियों का औसत ड्रॉप आउट दर 4.03% है तो शेड्यूल कास्ट का 5.51%, शेड्यूल ट्राइब का 8.59% और मुस्लिम समुदाय का 9.49% है। मिड्ल स्कूल में सभी श्रेणियों का औसत ड्रॉप आउट दर 17.06% है तो शेड्यूल कास्ट का 19.36%, शेड्यूल ट्राइब का 24.68% और मुस्लिम समुदाय का 24.12% है। (एजेंसी इनपुट के साथ) Demo-Pic