सड़क, बिजली, पानी के मुद्दे पर सत्ता से बाहर हुई और फिर सत्ता में आयी कांग्रेस का बिजली पीछा नहीं छोड़ रही।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस जब से सत्ता में आयी है बिजली फिर गुल होने लगी है। आज तो हद हो गयी जब बिजली मंत्री प्रियव्रत सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही बत्ती गुल हो गई। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस किसी गांव-खेड़े में नहीं बल्कि राजधानी भोपाल में हो रही थी।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह की आज भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही थी। इसमें वो बिजली विभाग के फैसलों के बारे में जानकारी दे रहे थे। वो बता रहे थे कि सरकार ने इंदिरा गृह ज्य़ोति योजना में एक करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं के हित में फैसले लिए।
मंत्री ने बात शुरू ही की थी कि अचानक लाइट चली गई। कॉन्फ्रेंस हॉल में पहले अंधेरा छाया और फिर सन्नाटा। मंत्री और अफसर सब सकते में आ गए।
दो मिनट बाद ही लाइट आ गई। लेकिन उतनी देर में तो सबके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। प्रदेश का मीडिया सामने था। सरकार की उपलब्धियां गिनायी जा रही थीं कि सबके सामने बल्लियां उखड़ गईं।
लाइट आने पर प्रियव्रत सिंह ने दोबारा अपनी बात शुरू की लेकिन वो सहज नहीं हो पाए। बाद में उन्होंने इसकी जिम्मेदारी विपक्ष पर डाल दी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कांग्रेस सरकार के मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस और दूसरे आयोजनों के दौरान बिजली गुल होने के पीछे साजिश है। सरकार ऐसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई करेगी।
ख़बर लगते ही बीजेपी हरक़त में आ गयी। शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करने में देर नहीं की।
उन्होंने बिजली कटौती और ट्रिप फॉल्ट बंद होने के दावों पर तंज कसा कि ये है प्रदेश का हाल और ये है ऊर्जा मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस। कह रहे थे कि प्रदेश में बिजली कटौती और ट्रिप फॉल्ट बंद हो गया है। बस तभी बत्ती गुल। इसे कहते हैं सिर मुंडाते ही ओले पड़ना।