चंडीगढ़ : पंजाब विधानभा चुनाव के मद्देनजर चन्नी सरकार ने सोमवार को बड़ा एलान किया। कैबिनेट की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में बिजली दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की कटौती की घोषणा की। नई दरें सोमवार से ही लागू हो जाएंगी। इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के मुफ्त बिजली के चुनावी वादे पर तंज कसते हुए चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार के सर्वेक्षण से सामने आया कि लोग सस्ती बिजली चाहते थे, मुफ्त बिजली नहीं।
सीएम ने बताया कि पंजाब में 72 लाख उपभोक्ता हैं। जिनमें से 95 फीसदी उपभोक्ता इस स्कीम से लाभान्वित होंगे। सीएम ने दावा किया कि देश में यह सबसे कम दरें होंगी। सोमवार को कैबिनेट की बैठक के बाद चन्नी सरकार चुनावी मोड में नजर आई। बिजली दरों में कटौती के बाद चन्नी ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में 11 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। इसके लिए 440 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
इससे पहले पंजाब के लोगों को वाजिब दरों पर निर्विघ्न बिजली आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को जीवीके गोइंदवाल साहिब (2 गुना 270 मेगावाट) बिजली खरीद समझौता रद्द करने के पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही पावरकॉम ने कंपनी को टर्मिनेशन नोटिस भी जारी कर दिया था। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का कहना था कि उन्होंने उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि पावरकॉम की ओर से बिजली समझौता रद्द करने के लिए जीवीके को शुरुआती तौर पर डिफाल्ट नोटिस जारी किया जा चुका है। इस नोटिस का आधार उच्च बिजली लागतें और निर्धारित मापदंड के विपरीत खराब कारगुजारी, जीवीके से बिजली खरीद के एक साल के समय के दौरान केवल 25 से 30 प्रतिशत तक ही बिजली उपलब्धता को आधार बनाया गया है, वहीं बीते वर्ष के लिए 7.52 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं।