प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा राशि के नाम पर मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के किसानों के साथ मजाक किया गया है। हैरानी की बात है कि सीहोर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है। सीहोर जिला के तिलारिया गांव के 52 किसानों को सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो जाने की वजह से 3061 रुपये 50 पैसे की बीमा राहत दी गई है।
किसानों को मिली ये रकम
जले पर नमक छिड़कने वाली बात ये है कि किसानों को सर्टिफिकेट भी बांटे गए, जिन पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की फोटो भी छपी हुई है। 52 किसानों में सबसे बड़ी राशि जो मिली, वो 194 रुपए 22 पैसे है। ये रकम नीला बाई को मिली जिनकी 22 एकड़ जमीन पर खड़ी सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। नीला बाई के बेटे ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा के लिए 5,220 रुपये का प्रीमियम भरा था और हमें मुआवजे के तौर पर 194 रुपये मिल रहे हैं। भगवान ही जानता है कि उन्होंने ये हिसाब कैसे निकाला।’
किसी को 17 तो किसी को 4 रुपये मुआवजा
इसी गांव के उत्तम सिंह को बीमा मुआवजे के तौर पर 17 रुपये मिले हैं। उत्तम सिंह के दो एकड़ के खेत में खड़ी सोयाबीन की फसल भी पूरी तरह नष्ट हो गई। उत्तम सिंह ने फसल बीमा योजना के तहत 1,342 का प्रीमियम भरा था। सीहोर जिले के ही रेहती गांव में बादामी लाल नाम के किसान को मात्र 4 रुपए 70 पैसे बीमा दावे के तौर पर मिले।
पीएम ने की थी शुरुआत
सीहोर जिले के शेरपुर से फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत भव्य कार्यक्रम से की थी। जिन किसानों को बीमा मुआवजे के तौर पर अब नाम मात्र की राशि मिली है, उनमें से अधिकतर शेरपुर में हुए प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल रहे थे।