– प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर और वकील सुशील टेकरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वकील ने कहा- ”हमने सीबीआई से जल्द चार्जशीट दाखिल करने की मांग की है।आशंका है कि इस मामले में कोई गहरी साजिश हो। पिंटो परिवार भी इस साजिश का हिस्सा हो सकता है।”
– पिता ने कहा, ”सीबीआई ने जो आज खुलासा किया है। उन्होंने जो वजह बताई है, एक बच्चे के लिए ये जुर्म करने की वजह हो सकती है। बच्चा बहुत लंबे समय से स्कूल में था और स्कूल में जो कमियां थीं, उसका फायदा उठाकर वो जुर्म कर सकता था।”
– ”आज सबके सामने साबित हो गया है कि पुलिस जो जांच कर रही थी, उसके अलावा कुछ और निकला। सीबीआई से यही मांग करना चाहेंगे कि वो जांच करे और जिनकी लापरवाही की वजह से ये घटना हुई है, वो सामने आए। उनके खिलाफ चार्जेज फ्रेम किए जाएं और सख्त सजा दी जाए, ताकि बच्चों के खिलाफ हो रहे क्राइम रुक सकें।”
आरोपी स्टूडेंट को फांसी पर लटकाना चाहिए
– पिता ने कहा, ”बच्चे के एंगल से देखें तो वह पढ़ाई में कमजोर था और उसे टीचर्स और पेरेंट्स के सामने फेस करना पड़ता होगा। उसे ये भी पता होगा कि कहां वो क्राइम करे, जहां बचने की गुंजाइश ज्यादा हो। पुलिस की थ्योरी के बाद उसे भरोसा हो गया था कि अब वो बच गया है, लेकिन नहीं पता था कि केस की जांच सीबीआई करेगी। आरोपी को एडल्ट की तरह ट्रीट किया जाए और फांसी पर लटकाना चाहिए।”
सीबीआई ने कहा- मर्डर के पीछे कंडक्टर का कोई रोल नहीं है
– सीबीआई ने ऑफ द कैमरा बयान देते हुए कहा है कि परीक्षा टालने और पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) टालने के लिए 11वीं के स्टूडेंट ने हत्या की।
– जांच एजेंसी ने उस थ्योरी को नकारा नहीं है, जिसमें कंडक्टर को आरोपी बनाया गया था। जांच एजेंसी ने कंडक्टर को क्लीन चिट नहीं दी है।
– सीबीआई ने साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर आरोपी स्टूडेंट को हिरासत में लिया।
आरोपी के पिता ने कहा- बेटा बेगुनाह
– आरोपी स्टूडेंट के पिता ने कहा, “सीबीआई ने मेरे बेटे से चार बार पूछताछ की। मंगलवार रात को भी बुलाया। हम रात 11.20 बजे वहां पहुंचे। पूछताछ के बाद 12 बजे सीबीआई ने मुझसे कहा आपके बेटे ने मर्डर किया है। उसे हिरासत में लिया गया है, आप घर जाइए।”
– “मेरा बेटा बेगुनाह है। उसने गुनाह कबूल नहीं किया है। उसे फंसाया जा रहा है। उसी ने सबसे पहले माली और टीचर को मर्डर के बारे में इन्फॉर्मेशन दी थी।”
मामला क्या है?
– गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को 7 साल के बच्चे का मर्डर कर दिया गया था। बॉडी टॉयलेट में मिली थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को अरेस्ट किया था। आरोपी अशोक 8 महीने पहले ही स्कूल में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था।
– अशोक ने मीडिया को बताया, ”मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।”
इस मामले में कितने लोग अरेस्ट हुए थे?
– इस केस में स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार के अलावा रेयान ग्रुप के दो अफसर रेयान ग्रुप के नॉर्थ जोन हेड फ्रांसिस थॉमस और भोंडसी स्थित स्कूल कोऑर्डिनेटर अरेस्ट हुए थे। इन अफसरों को जमानत मिल गई थी, लेकिन अशोक अभी भी ज्यूडिशियल कस्टडी में है। सोहना रोड स्थित सदर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी को भी सस्पेंड किया गया था।
– उधर, रेयान ग्रुप के सीईओ रेयान पिंटो, उनके पिता ऑगस्टीन पिंटो और मां ग्रेस पिंटो ने बॉम्बे हाईकोर्ट, फिर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करके एंटीसिपेटरी बेल (अग्रिम जमानत) देने की अपील थी। बाद में उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेल दे दी थी।
आरोपी कंडक्टर ने क्या कबूला था?
– बस कंडक्टर अशोक कुमार ने पहले प्रद्युम्न के मर्डर की बात कबूल की थी।
– अशोक ने मीडिया को बताया था, ”मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।”
– जब उससे पूछा गया कि उसने क्या पहले भी किसी बच्चे को सेक्शुअली एब्यूज किया है, तो आरोपी ने कहा- ”नहीं। ये पहली बार था। मैं घबरा गया था। पता नहीं कैसे हो गया। मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं गलत काम करना चाहता था। लेकिन किया नहीं।”
– चाकू के बारे में पूछे जाने पर अशोक ने कहा, ”वो सब्जी काटने वाला चाकू था। वो गंदा हो गया था। उसे साफ करने के लिए मैं टॉयलेट तक ले आया था। उसी से बच्चे का गला रेता।”
– हालांकि, जब कोर्ट में अशोक की पेशी हुई तो वह मर्डर की बात से मुकर गया था।
कब सौंपी गई थी सीबीआई को जांच?
– हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश 15 सितंबर को की थी। इससे पहले हरियाणा पुलिस जांच कर रही थी।