नई दिल्लीः महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान के बाद भाजपा और केंद्र सरकार ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर पर कार्रवाई की है। अपने बयानों की वजह से हमेशा विवादों में रहने वालीं भोपाल से सांसद साध्वी को रक्षा मंत्रालय की कमिटी से हटा दिया गया है। साथ ही भाजपा संसदीय दल की बैठक में आने पर भी रोक लगा दी गई है।
BJP Working President J P Nadda to ANI: We have decided that Pragya Singh Thakur will be removed from the consultative committee of defence, and in this session she will not be allowed to participate in the parliamentary party meetings. https://t.co/GnFhC66p7X
— ANI (@ANI) November 28, 2019
भाजपा के कार्यकारी अधियक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘उनका लोकसभा में कल दिया गया बयान निंदनीय है। भाजपा इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती है। हमने फैसला लिया है कि उन्हें रक्षा सलाहकार समिति से हटाया जाएगा और वह इस सत्र के दौरान पार्टी की संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।’
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में बुधवार को नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ करार दिया था। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया था। उनके इस बयान पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा था कि मोदी जी और अमित शाह जी को इसके बारे में सोचना चाहिए और ऐसा फैसला लेना चाहिए जो राष्ट्र के हित में हो।
राहुल गांधी ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह जो कह रही हैं, वही भाजपा और आरएसएस के मन में है। मैं क्या कह सकता हूं? इसे छिपाया नहीं जा सकता। मुझे उस महिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग करके अपना समय बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है।
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रज्ञा के बयान को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने पूछा था कि भाजपा दिल से बता दें कि गोडसे के बारे में उनके क्या विचार हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘आज देश की संसद में खड़े होकर भाजपा की एक सांसद ने गोडसे को देशभक्त बोल ही दिया। अब प्रधानमंत्री जी (जिन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती धूम धाम से मनाई) से अनुरोध है कि दिल से बता दें कि गोडसे के बारे में उनके क्या विचार हैं? महात्मा गांधी अमर हैं।’
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर हमेशा गोडसे के पक्ष में बोलती हैं। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी गांधी के साथ हैं या गोडसे के साथ। मुंह में गांधी और दिल में गोडसे नहीं चलेगा।